सिर्फ धैर्यवान लोग ही पढ़ें।
हिन्दू लडकियो की मानसिकता और लव जिहाद :-
अगर आपके घर मे लडकी है तो जरूर पढना अगर नही है तो भी पढना तांकि किसी दूसरे को सावधान किया जा सके:--
जब किसी हिन्दू के घर मे बेटी पैदा होती है। तो ये देखा गया है माता पिता उसे विशेष धार्मिक संस्कार देना एक बडा बोझ समझते है। और अधिकतर माता पिता अपनी बच्चियो को जन्म से ही फिल्मी गानो की लत लगाकर बिगाडना शुरू कर देते है। उदहरण के लिए आप कही किसी रिश्तेदर के यहा जाओ तो कुछ परिवारो मे तो आपने देखा होगा कि माता पिता बच्ची को बोलते है कि "प्रिया बेटा वो फलाने गाने पर डाँस करके दिखाओ अंकल को", "अंकिता बेटा वो वाला गाना सुनाओ बुआ को जिसमे करीना कपूर और सैफ अली खान थे", "कृतिका बेटा जरा चाचू को वो चिकनी चमेली वाले गाने पर डाँस करके दिखाओ", "श्रेया बेटा ! मामीजी को वो बेबी डौल का गाना सुनाओ"। तो ऐसे कई उदाहरणो से स्पष्ट होगा कि माता पिता अपनी ही बच्ची को किस गंदगी मे खुद जाने अंजाने मे धकेल रहे है। तो बच्ची मे पहले ही संस्कार ऐसे पड रहे जो कि आगे जाकर उसके लिए नासूर बनने वाले है।
बच्ची थोड़ी बड़ी हो रही है तो माँ उसे अपने साथ बालीवुड के अलावा साँस बहू आदि के टीवी सीरियल दिखाने की लत डालती है। अब दोनो माँ बेटीया एकसाथ बैठकर टीवी देखने लगी है। और अधिकर घर मे एक सीरीयल समाप्त होता है तो दूसरा शुरू, दूसरा समाप्त तो तीसरा शुरू तो ऐसे ही अधिक समय टीवी सीरीयल देखने के कारण बेटी के संस्कार और बिगडने लगते है,और खाली समय मे भी माँ बेटीया आपसे मे सीरीयल की बाते करती मिलती है। जैसे "मम्मी काश जगिया और आनंदी की फिर से शादी हो जाए", "बेटी क्या कल अनुराग प्रेरणा को अपने दिल की बात कह पाएगा ? "इत्यादी बातचीत से पता लग रहा है कि टीवी का जुनून माँ बेटी के दिमाग कितना हावी हो चुका है।
साथ साथ हमारी सैकुलर शिक्षा पद्धति की मार बच्ची पर पडती रहती है। प्रतीदिन उसे सैकुलरिजम की डोज NCERT के सलेबस के माध्यम से मिल रही है। जिसमे बाबर, औरंगजेब बस एक लुटेरे थे, अकबर बादशाह बहुत महान था, देश को आजादी गाँधी और नेहरू की अहिंसा ने दिलाई जिससे डरकर अंग्रेज भाग गए, भगत सिंह, राजगुरू आदि आतंकवादी थे। वगैरा वगैरा रोज उसे ये दिलासा देने के लिए काफी है कि सब धर्म अच्छे होते है। और लडाईया युद्ध करके नही अहिंसा से जीती जाती है।
अब बेटी थोडी और बडी हो गई है, तो उसके पापा नया मोबाईल लेकर देते है जिसके साथ ही बेटी इंटरनैट की दुनिया मे कदम रखती है। बचपन के कुसंस्कारो से पल रही लडकी अब एक नई ही दुनिया मे खोई रहने लगती है। अपने आपको Princess, Angel आदि समझने लगी है। हर समय कानो मे EarPhone ढूँस कर बलीवुड के प्यारे प्यारे गाने सुनना बडा अच्छा लगता है। और अपने दोस्तो के साथ मजा मस्ती करना, एक दूसरे को पार्टी देना, और ये सोचना कि एक ही तो Life मिली है Enjoy करो ! क्या करना देश धर्म वगैरा की Boaring Boaring बातो से ? तो ऐसे ये लडकी अपनी एक अलग ही दुनिया मे खोई रहती है। और बैड पर Teddy Bear साथ लेकर सोती है।
हिन्दू लडकियो की मानसिकता और लव जिहाद :-
अगर आपके घर मे लडकी है तो जरूर पढना अगर नही है तो भी पढना तांकि किसी दूसरे को सावधान किया जा सके:--
जब किसी हिन्दू के घर मे बेटी पैदा होती है। तो ये देखा गया है माता पिता उसे विशेष धार्मिक संस्कार देना एक बडा बोझ समझते है। और अधिकतर माता पिता अपनी बच्चियो को जन्म से ही फिल्मी गानो की लत लगाकर बिगाडना शुरू कर देते है। उदहरण के लिए आप कही किसी रिश्तेदर के यहा जाओ तो कुछ परिवारो मे तो आपने देखा होगा कि माता पिता बच्ची को बोलते है कि "प्रिया बेटा वो फलाने गाने पर डाँस करके दिखाओ अंकल को", "अंकिता बेटा वो वाला गाना सुनाओ बुआ को जिसमे करीना कपूर और सैफ अली खान थे", "कृतिका बेटा जरा चाचू को वो चिकनी चमेली वाले गाने पर डाँस करके दिखाओ", "श्रेया बेटा ! मामीजी को वो बेबी डौल का गाना सुनाओ"। तो ऐसे कई उदाहरणो से स्पष्ट होगा कि माता पिता अपनी ही बच्ची को किस गंदगी मे खुद जाने अंजाने मे धकेल रहे है। तो बच्ची मे पहले ही संस्कार ऐसे पड रहे जो कि आगे जाकर उसके लिए नासूर बनने वाले है।
बच्ची थोड़ी बड़ी हो रही है तो माँ उसे अपने साथ बालीवुड के अलावा साँस बहू आदि के टीवी सीरियल दिखाने की लत डालती है। अब दोनो माँ बेटीया एकसाथ बैठकर टीवी देखने लगी है। और अधिकर घर मे एक सीरीयल समाप्त होता है तो दूसरा शुरू, दूसरा समाप्त तो तीसरा शुरू तो ऐसे ही अधिक समय टीवी सीरीयल देखने के कारण बेटी के संस्कार और बिगडने लगते है,और खाली समय मे भी माँ बेटीया आपसे मे सीरीयल की बाते करती मिलती है। जैसे "मम्मी काश जगिया और आनंदी की फिर से शादी हो जाए", "बेटी क्या कल अनुराग प्रेरणा को अपने दिल की बात कह पाएगा ? "इत्यादी बातचीत से पता लग रहा है कि टीवी का जुनून माँ बेटी के दिमाग कितना हावी हो चुका है।
साथ साथ हमारी सैकुलर शिक्षा पद्धति की मार बच्ची पर पडती रहती है। प्रतीदिन उसे सैकुलरिजम की डोज NCERT के सलेबस के माध्यम से मिल रही है। जिसमे बाबर, औरंगजेब बस एक लुटेरे थे, अकबर बादशाह बहुत महान था, देश को आजादी गाँधी और नेहरू की अहिंसा ने दिलाई जिससे डरकर अंग्रेज भाग गए, भगत सिंह, राजगुरू आदि आतंकवादी थे। वगैरा वगैरा रोज उसे ये दिलासा देने के लिए काफी है कि सब धर्म अच्छे होते है। और लडाईया युद्ध करके नही अहिंसा से जीती जाती है।
अब बेटी थोडी और बडी हो गई है, तो उसके पापा नया मोबाईल लेकर देते है जिसके साथ ही बेटी इंटरनैट की दुनिया मे कदम रखती है। बचपन के कुसंस्कारो से पल रही लडकी अब एक नई ही दुनिया मे खोई रहने लगती है। अपने आपको Princess, Angel आदि समझने लगी है। हर समय कानो मे EarPhone ढूँस कर बलीवुड के प्यारे प्यारे गाने सुनना बडा अच्छा लगता है। और अपने दोस्तो के साथ मजा मस्ती करना, एक दूसरे को पार्टी देना, और ये सोचना कि एक ही तो Life मिली है Enjoy करो ! क्या करना देश धर्म वगैरा की Boaring Boaring बातो से ? तो ऐसे ये लडकी अपनी एक अलग ही दुनिया मे खोई रहती है। और बैड पर Teddy Bear साथ लेकर सोती है।
बालिवुड के गाने रोज Earphone लगाकर सुनने वाली लडकी तो खान हिरोज की दिवानी हो चुकी है। बालीवुड मे भी हिन्दी गानो मे रक्षा बंधन, माता पिता, आदि के गानो के स्थान पर अधिकतर अली मौला! अल्लाह अल्लाह! , जुम्मे की रात है !, भरदे झोली मेरी या मुहम्मद ! , मौला मेरे मौला !, या रब्बा दे दे कोई जान भी अगर !, इस शाने करम का क्या कहना ?,या आली रहम आली ! आदि सुन सुनकर तो वो लडकी के मन मे भगवान से भी अधिक अली, मौला, रब्ब की जगह बन जाती है। और वो तो सबको एक जैसा मानने लगती है। सारे धर्म अच्छे और एक जैसे होते है, ऐसा उसका विश्वास पक्का हो जाता है। पाठको को बहुत हद तक पता लग ही गया होगा कि किस प्रकार लडकी के संस्कार बिगड चुके है। और लडकी का मन एक भूमि की तरह है जो कि लव जिहाद की फसल को पैदा करने के लिए उपजाऊ हो चुकी है। जिसमे कोई जिहादी किसी भी समय बीज डाल सकता है और अपनी खेती कर सकता है।
अब अधिकर तो High School या फिर Colledge मे ही लडकी जब जाती है तो उसकी भी इच्छा होती है कि उसका कोई Boyfriend हो, जो उसको महंगे महंगे Gifts लेकर दे, जो उसे घुमाने लेकर जाए, किसी बडे से Resort मे Treat दिलाए, जो उसके मोबाईल को रिचार्ज कराए। तो ये सब इच्छाए बालिवुड और टीवी सीरीयल को देख देखकर ही हुई है। अब ऐसे मे कोई न कोई तो ढूँढना ही था। तो पहले से ही घात लगाए कोई शौएब, कोई अय्युब, कोई साजिद, कोई अकरम, कोई सुहैल उसे मिल जाता है। जिसे मस्जिदो मे बकायदा ट्रेनिंग दी गई है, जो हिन्दू लडकी की Mentality को बखूबी जानता है, जो अरब देशो से बहुत सा पैसा All India Muslim Scholarship Fund मस्जिदो और मदरसो को मिलता है वही पैसा उस लडके को Pocket Money के रूप मे मिलता है जो वह उस लडकी पर खर्च करने वाला है। तो जी देखो लडकी की जो जो इच्छाए थी। लडकी ने जो कीमत अपने कौमार्य की लगाई थी उसे पूरा करने वाला शौएब, साजिद, अकरम, सुहैल आदि तैयार है।
ये जो घात लगाया हुआ मुसलमान लडका है ये अपने आप को उस तथाकथित Princess, Barbie Doll, Angel के सामने अच्छे अच्छे कपडे पहन कर आता है, उससे मीठी मीठी बाते करता है, उसके हर काम मे हैल्प करता है, उसके हर दुख मे शामिल होता है, उसे ये बनकर दिखाता है कि उससे अच्छा इस दुनिया मे कोई नही है। और भवनाओ मे बही हुई Princess को और चाहिए भी क्या था ? उसकी सारी इच्छाए जो पूरी हो रही है । उसे अपना Dream Boy अपना Prince जो मिल गया। अब उसके लिए तो Religion Matter करता ही नही। और दूसरी बात ये है कि Bollywood को फौलो करने वाली उस Barbiedoll को पता है कि शाहरुख, सलमान, सैफ, फवाद खान आदि सभी तो मुसलिम है। और इन सब चीजो के रहते उसके मन मे मुस्लिम प्रेम इस हद तक बैठ जाता है कि वो किसी से भी अपने मुस्लिम बायफ्रैंड के बारे मे उलटा नही सुन सकती।
अब अधिकर तो High School या फिर Colledge मे ही लडकी जब जाती है तो उसकी भी इच्छा होती है कि उसका कोई Boyfriend हो, जो उसको महंगे महंगे Gifts लेकर दे, जो उसे घुमाने लेकर जाए, किसी बडे से Resort मे Treat दिलाए, जो उसके मोबाईल को रिचार्ज कराए। तो ये सब इच्छाए बालिवुड और टीवी सीरीयल को देख देखकर ही हुई है। अब ऐसे मे कोई न कोई तो ढूँढना ही था। तो पहले से ही घात लगाए कोई शौएब, कोई अय्युब, कोई साजिद, कोई अकरम, कोई सुहैल उसे मिल जाता है। जिसे मस्जिदो मे बकायदा ट्रेनिंग दी गई है, जो हिन्दू लडकी की Mentality को बखूबी जानता है, जो अरब देशो से बहुत सा पैसा All India Muslim Scholarship Fund मस्जिदो और मदरसो को मिलता है वही पैसा उस लडके को Pocket Money के रूप मे मिलता है जो वह उस लडकी पर खर्च करने वाला है। तो जी देखो लडकी की जो जो इच्छाए थी। लडकी ने जो कीमत अपने कौमार्य की लगाई थी उसे पूरा करने वाला शौएब, साजिद, अकरम, सुहैल आदि तैयार है।
ये जो घात लगाया हुआ मुसलमान लडका है ये अपने आप को उस तथाकथित Princess, Barbie Doll, Angel के सामने अच्छे अच्छे कपडे पहन कर आता है, उससे मीठी मीठी बाते करता है, उसके हर काम मे हैल्प करता है, उसके हर दुख मे शामिल होता है, उसे ये बनकर दिखाता है कि उससे अच्छा इस दुनिया मे कोई नही है। और भवनाओ मे बही हुई Princess को और चाहिए भी क्या था ? उसकी सारी इच्छाए जो पूरी हो रही है । उसे अपना Dream Boy अपना Prince जो मिल गया। अब उसके लिए तो Religion Matter करता ही नही। और दूसरी बात ये है कि Bollywood को फौलो करने वाली उस Barbiedoll को पता है कि शाहरुख, सलमान, सैफ, फवाद खान आदि सभी तो मुसलिम है। और इन सब चीजो के रहते उसके मन मे मुस्लिम प्रेम इस हद तक बैठ जाता है कि वो किसी से भी अपने मुस्लिम बायफ्रैंड के बारे मे उलटा नही सुन सकती।
तो मानसिक जमीन उस लडकी की बचपन से लेकर अबतक माता पिता और टीवी ने तैयार की थी उसमे अब लव जैहाद का बीज डल चुका है। लडकी ने Last Final Year Complete होते ही फैसला किया कि अब वो उसी लडके के साथ शादी करेगी। तो जी लडकी के माता पिता को पता लगता है कि लडकी घर से या अपने हास्टल से एकदम अचानक कही गायब हो गई है। पुलिस मे रिपोर्ट लिखाई लेकिन कुछ पता नही है। तो करीब एक या दो महीने बाद किसी सूत्र से पता लगता है कि लडकी कोर्ट मे है अपने पति के साथ है और लडका दूसरे समुदाय से है। फिर माता पिता पहुँचते है तो अब तो शादी होने वाली है। माता पिता या पुलिस कुछ नही कर सकते क्योंकि लडकी बालिग है। माता पिता बहुत रोते है बिलखते है, बेटी के पाँव पडते है, उसे समझाते है, लेकिन उस Princess पर कोई असर नही होता। तो शादी हो जाती है। और लो !!! गई भैंस पानी मे।
शादी तो हो गई कुछ दिन नई दुलहन बनी हिन्दू लडकी मजे से पति के साथ रहती है। तो अचानक से अपने मियाँ और उसके घर वालो के स्वभाव मे बदलाव देखती है। मौलवीयो का घर मे आना जाना लगा है लडकी को इस्लाम कुबूल करवाया जा रहा है। लड़की भी सोचती है सब एक ही तो हैं । तो लडकी पूर्ण रूप से मुसलमान हो जाती है, जो पहते श्रेया थी वो अब शाहिदा हो गई, जो स्वाती थी वो साजिदा हो गई, जो कृत्तिका थी वो अब कुलसुम हो गई। लेकिन मुसलमान बनने पर ही कुछ दिनो मे सास ससुर और पति का व्यवहार परेशान करने वाला लगने लगा। पति मारपीट करने वाला हो गया। ससुर जी और देवर जी नई जवान बहु को देख लार टपकाने लगे और अश्लील हरकते करने लगे। लडकी के विरोध करने पर उसे मारपीट और जान की धमकियाँ मिलने लगी। लडकी को माता पिता से फोन पर बात करने पर पाबंदी लगा दी गई। लडकी का जमकर यौन शोषण होने लगा। और अब लडकी अपने किए पर पछताने लगी रोने बिलखने लगी। कोई सहारा नही। जो पहले रोज कालेज जाने से पहले बाल संवारती थी वो अब बुर्के मे लपेट दी गई। लडकी के कुछ बच्चे भी पैदा हुए। लेकिन जीवन नर्क होने लगा।
शादी तो हो गई कुछ दिन नई दुलहन बनी हिन्दू लडकी मजे से पति के साथ रहती है। तो अचानक से अपने मियाँ और उसके घर वालो के स्वभाव मे बदलाव देखती है। मौलवीयो का घर मे आना जाना लगा है लडकी को इस्लाम कुबूल करवाया जा रहा है। लड़की भी सोचती है सब एक ही तो हैं । तो लडकी पूर्ण रूप से मुसलमान हो जाती है, जो पहते श्रेया थी वो अब शाहिदा हो गई, जो स्वाती थी वो साजिदा हो गई, जो कृत्तिका थी वो अब कुलसुम हो गई। लेकिन मुसलमान बनने पर ही कुछ दिनो मे सास ससुर और पति का व्यवहार परेशान करने वाला लगने लगा। पति मारपीट करने वाला हो गया। ससुर जी और देवर जी नई जवान बहु को देख लार टपकाने लगे और अश्लील हरकते करने लगे। लडकी के विरोध करने पर उसे मारपीट और जान की धमकियाँ मिलने लगी। लडकी को माता पिता से फोन पर बात करने पर पाबंदी लगा दी गई। लडकी का जमकर यौन शोषण होने लगा। और अब लडकी अपने किए पर पछताने लगी रोने बिलखने लगी। कोई सहारा नही। जो पहले रोज कालेज जाने से पहले बाल संवारती थी वो अब बुर्के मे लपेट दी गई। लडकी के कुछ बच्चे भी पैदा हुए। लेकिन जीवन नर्क होने लगा।
अब तय हुआ कि लडकी को किसी वैश्या बाजार मे अच्छी कीमत के साथ बेचा जाए। तो लडकी को जबरदस्ती मार पीटकर किसी मुस्लिम स्लम बस्ती मे कुछ दिन रखा जाता है। वाह रे किस्मत ! जो पहले ऊँचे ऊँचे हिन्दू घराने मे रहती थी जो AC Room मे रहती थी वो अब दुर्गन्ध से युक्त स्लम बस्ति मे रहने लगी ! जहा हर समय ऊँची ऊँची आजान सुनाई देती है, जहा हर तरफ मुर्गे बकरे आदि की लाशे कटी दिखाई देती है, और बदबू मारती है, जहा दूर दूर तक दुकान मे पडे अंडो की बदबू आती है, जहा छतो पर चढे पठानी सूट पहने बच्चे पतंगे उडाते दिखते है, जहा पर झुग्गियो मे रहने वाली बुर्कानशी औरते बात बात पर गाली गलौच करती है। वाह रे Princess !, वाह रे Barbie Doll !, वाह रे Angel ! क्या किस्मत पाई तूने ??
और जब कोई खरीददार या कोई भारत पर सैक्स टूरिज्म के नाम पर आया हुआ अरबी शेख मिल जाता है तो लडकी अब उसके हाथो बेच दी गई और वो शेख उसे अपने साथ ले जाता है नमकीन बेगम बनाकर रोज उसका शोषण करता है, उसको कमरे मे बाँधकर रखता है, उसका पासपोर्ट जब्त कर लेता है। या फिर वो लडकी अब किसी वैश्याघर की शोभा बढा रही है। रोज मर्द आता है उसका शोषण करते है । यौन रोग लगे सो अलग से। बूढे होने पर तो सहवास की क्षमता भी नही रहती। बस फिर सिर पटक पटक कर मरना ही उचित समझा।
पूरा लेख पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
एक सवाल आपसे है, ये बताना कि इस सब मे दोष किसका है ? माता पिता का ? लडकी का ? जिहादी का ? टीवी का ? या किसका ?
सोचकर बताना और ये लेख कम से १० हिन्दू बहनो और ऐसे माता पिताओ को अवश्य पढाना जिनके घर मे बेटीया हो। आपके घर मे भी बहन या बेटी हो सकती है..
और जब कोई खरीददार या कोई भारत पर सैक्स टूरिज्म के नाम पर आया हुआ अरबी शेख मिल जाता है तो लडकी अब उसके हाथो बेच दी गई और वो शेख उसे अपने साथ ले जाता है नमकीन बेगम बनाकर रोज उसका शोषण करता है, उसको कमरे मे बाँधकर रखता है, उसका पासपोर्ट जब्त कर लेता है। या फिर वो लडकी अब किसी वैश्याघर की शोभा बढा रही है। रोज मर्द आता है उसका शोषण करते है । यौन रोग लगे सो अलग से। बूढे होने पर तो सहवास की क्षमता भी नही रहती। बस फिर सिर पटक पटक कर मरना ही उचित समझा।
पूरा लेख पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
एक सवाल आपसे है, ये बताना कि इस सब मे दोष किसका है ? माता पिता का ? लडकी का ? जिहादी का ? टीवी का ? या किसका ?
सोचकर बताना और ये लेख कम से १० हिन्दू बहनो और ऐसे माता पिताओ को अवश्य पढाना जिनके घर मे बेटीया हो। आपके घर मे भी बहन या बेटी हो सकती है..
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