Saturday, 31 October 2015

हिंदुओं के बहे खून का बदला जो अकेला हिन्दू लेता रहा उसका नाम -----**छोटा राजन *** हैं ...

अंडरवर्ड की दुनिया में दाऊद इब्राहिम , अबू सलेम ,छोटा शकील और टायगर मेमन से अकेले भिड़ जाने वाले और उन्हें धूल चटा देने वाले और आज गिरफ्तार हुए ‪#‎भाई‬ छोटा राजन के कुछ अनछुए पहलू जिन्हें शायद आप नही जानते होंगे ....
---------------
1- 1993 तक दाऊद इब्राहिम का दायां हाथ माना जाने वाला छोटा राजन 1993 में बाबरी मस्जिद उद्धार का बदला लेने के लिए दाऊद इब्राहिम द्वारा कराये गए हिंदुओं के क्षेत्र में बम ब्लास्टों के बाद उस से अगल हो गया,जबकि दाऊद उसे धन दौलत शान शौकत सब दे रहा था ...पर उसके लिए सब से प्रिय चीज अपना हिंदुत्व लगी ....
-----------
2- दाऊद का गैंग छोड़ने के साथ ही उसने दाऊद के 2 सब से ख़ास मुसलमान शूटरों को मार डाला ...
---------------
3- उसने अपने गैंग में खुल कर कहा कि उसे खुद के लिए हिन्दू डान शब्द सुनना पसंद है ..
---------------
4- हिन्दू ह्रदय सम्राट बाला साहब ठाकरे छोटा राजन के हिंदुत्व से इतने प्रभावित थे कि पहली बार थाईलैंड में राजन को गोली लगने के बाद उन्होंने सामना में लेख लिख कर भगवान् से उसके जिन्दा रहने और जल्दी स्वस्थ होने की कामना की थी ...
--------------------
5- दाऊद के गुर्गे जब चुनाव में समय शरद पवार और शुशील शिंदे जैसे कट्टर कांग्रेसी आतंकियों के लिए बूथ लूटने आते थे तब शिवसेना और भा ज पा के लिए उन बूथों की रक्षा इसी भाई के लोग करते थे ..
-------------------------
6- कराची और इस्लामाबाद जिसमे आज तक भारत की फ़ौज कमांडो कार्यवाही ना कर सकी वहाँ छोटा राजन ने दाऊद इब्राहिम पर कम से कम 5 बार अटैक करवाया ..
----------------------------
7-- मुम्बई ब्लास्ट के 19 गुनाहगार को स्वयं खुद से सजा ए मौत छोटा राजन ने दिया जो सब के सब मुसलमान थे ..
-------------------------
8- दाऊद इब्राहिम के 2 सगे भाईयों को 72 हूरों से मिलने का सौभाग्य मुम्बई पुलिस नही बल्कि छोटा राजन ने दिया ...
----------------
9- **मुझे भारत की मिट्टी की खुशबू से प्यार है ,,दाऊद को मार कर मैं खुद भारत की मिट्टी को नमन करने आऊंगा भले ही मुझे फांसी क्यों ना चढ़ना पड़े ***- ये शब्द छोटा राजन के हैं ..
--------------------
10---***जब तक मुम्बई को हिंदुओं के खून से नहलाने वाले एक एक गुनाहगार को मार नही लूँगा तब तक मुझे मौत नही आएगी ***-- ये शब्द छोटा राजन के हैं ...
---------------------
11--- दुनिया के किसी भी कोने में रहने के बाद भी छोटा राजन गणपति त्यौहार का सीधा प्रसारण देखता है और गणपति पांडालों को सब से ज्यादा चन्दा देता है ..
-----------------
12-- भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ तक ने दाऊद को ख़त्म करने के लिए छोटा राजन पर भरोसा जताया था ..
--------------------
13--- दाऊद के 80%ठिकानों की और प्लानिंग की जानकारी खुफिया एजेंसियां छोटा राजन से पाती थी ....
------------------
हिन्दू समाज एक हो............ मुसलमानो द्वारा कराये गए 1993 ब्लास्ट में जिन हिंदुओं के घरों के लोग मरे थे वो सब के सब अपनी दुश्मनी भूल कर अपने अपने काम धंधों में लग गए ....
पर 23 साल बीत जाने के बाद भी हिंदुओं के बहे खून का बदला जो अकेला हिन्दू लेता रहा उसका नाम -----**छोटा राजन *** हैं ...

आयुर्वेद के अनुसार खाना कब और कितना खाना चाहिए ?

मित्रो हमारे देश मे 3000 साल पहले एक ऋषि हुए जिनका नाम था बागवट जी ! वो 135 साल तक जीवित रहे ! उन्होने अपनी पुस्तक अशटांग हिरद्यम मे स्वस्थ्य रहने के 7000 सूत्र लिखे ! उनमे से ये एक सूत्र राजीव दीक्षित जी की कलम से आप पढ़ें !
_________________________________
बागवट जी कहते है, ये बहुत गहरी बात वो ये कहते है जब आप भोजन करे कभी भी तो भोजन का समय थोडा निश्चित करें । भोजन का समय निश्चित करें । ऐसा नहीं की कभी भी कुछ भी खा लिया । हमारा ये जो शरीर है वो कभी भी कुछ खाने के लिए नही है । इस शरीर मे जठर है, उससे अग्नि प्रदिप्त होती है । तो बागवटजी कहते है की, जठर मे जब अग्नी सबसे ज्यादा तीव्र हो उसी समय भोजन करे तो आपका खाया हुआ, एक एक अन्न का हिस्सा पाचन मे जाएगा और रस मे बदलेगा और इस रस में से मांस,मज्जा,रक्त,मल,मूत्रा,मेद और आपकी अस्थियाँ इनका विकास होगा ।
हम लोग कभी भी कुछ भी खाते रहते हैं । ये कभी भी कुछ भी खाने पद्ध्ती भारत की नहीं है, ये युरोप की है । युरोप में doctors वो हमेशा कहते रहते है की थोडा थोडा खाते रहो, कभीभी खाते रहो । हमारे यहाँ ये नहीं है, आपको दोनों का अंतर समझाना चाहता हूँ । बागवटजी कहते है की, खाना खाते का समय निर्धरित करें । और समय निर्धरित होगा उससे जब आप के पेट में अग्नी की प्रबलता हो । जठरग्नि की प्रबलता हो । बागवटजी ने इस पर बहुत रिसर्च किया और वो कहते है की, डेढ दो साल की रिसर्च के बाद उन्हें पता चला की जठरग्नि कौन से समय मे सबसे ज्यादा तीव्र होती है । तो वो कहते की सूर्य का उदय जब होता है, तो सूर्य के उदय होने से लगभग ढाई घंटे तक जठरग्नि सबसे ज्यादा तीव्र होती है ।
मान लो अगर आप चेन्नई मे हो तो 7 बजे से 9 बजे तक जठरग्नि सबसे ज्यादा तीव्र होगी । हो सकता है ये इसी सूत्रा अरूणाचल प्रदेश में बात करूँ तो वो चार बजे से साडे छह का समय आ जाएगा । क्यांे कि अरूणाचल प्रदेश में सूर्य 4 बजे निकल आता है । अगर सिक्कीम मे कहूँगा तो 15 मिनिट और पहले होगा, यही बात अगर मे गुजरात मे जाकर कहूँगा तो आपसे समय थोडा भिन्न हो जाएगा तो सूत्रा के साथ इसे ध्यान मे रखे । सूर्य का उदय जैसे ही हुआ उसके अगले ढाई घंटे तक जठर अग्नी सबसे ज्यादा तीव्र होती है । तो बागवटजी कहते है इस समय सबसे ज्यादा भोजन करें ।
बागवटजी ने एक और रिसर्च किया था, जैसे शरीर के कुछ और अंग है जैसे हदय है, जठर,किडनी,लिव्हर है इनके काम करने का अलग अलग समय है ! जैसे दिल सुबह के समय सबसे अधिक काम करता है ! 4 साढ़े चार बजे तक दिल सबसे ज्यादा सक्रीय होता है और सबसे ज्यादा heart attack उसी समय मे आते है । किसी भी डॉक्टर से पूछ लीजीए, क्योकि हदय सबसे ज्यादा उसी समय में तीव्र । सक्रीय होगा तो हदय घात भी उसी समय होगा इसलिए 99 % हार्ट अॅटॅक अर्ली मॉनिंग्ज मे ही होते है । इसलिए तरह हमारा लिव्हर किडनी है, एक सूची मैने बनाई है, बाहर पुस्तको मे है । संकेतरूप मे आप से कहता हूँ की शरीर के अंग का काम करने का समय है, प्रकृती ने उसे तय किया है । तो आप का जठर अग्नी सुबह 7 से 9.30 बजे तक सबसे ज्यादा तीव्र होता है तो उसी समय भरपेट खाना खाईए ।

ठीक है । फिर आप कहेगे दोपहर को भूख लगी है तो थोडा और खा लीजीए । लेकीन बागवट जी कहते है की सुबह का खाना सबसे ज्यादा । अगर आज की भाषा में अगर मे कहूँ तो आपका नाष्टा भरपेट करे । और अगर आप दोपहर का भोजन आप कर रहे है तो बागवटजी कहते है की, वो थोडा कम करिए नाश्ते से थोडा 1/3 कम कर दीजीए और रात का भोजन दोपहर के भोजन का 1/3 कर दीजीए । अब सीधे से आप को कहता हूँ । अगर आप सवेरे 6 रोटी खाते है तो दोपहर को 4 रोटी और शाम को 2 रोटी खाईए । अगर आप को आलू का पराठा खाना है आपकी जीभ स्वाद के लिए मचल रही है तो बागवटजी कहते है की सब कुछ सवेरे खाओ, जो आपको खानी है सवेरे खाओ, हाला की अगर आप जैन हो तो आलू और मूली का भी निषिध्द है आपके लिए फिर अगर जो जैन नहीं है, उनके लिए ? आपको जो चीज सबसे ज्यादा पसंद है वो सुबह आओ । रसगुल्ला , खाडी जिलेबी, आपकेा पसंद है तो सुबह खाओ । वो ये कहते हे की इसमें छोडने की जरूरत नहीं सुबह पेट भरके खाओ तो पेट की संतुष्टी हुई , मन की भी संतुष्टी हो जाती है ।

और बागवटजी कहते है की भोजन में पेट की संतुष्टी से ज्यादा मन की संतुष्टी महत्व की है।
मन हमारा जो है ना, वो खास तरह की वस्तुये जैसे , हार्मोन्स , एंझाईम्स से संचालित है । मन को आज की भाषा में डॉक्टर लोग जो कहते हैं , हाला की वो है नहीं लेकिन डाक्टर कहते हैं मन पिनियल गलॅंड हैं ,इसमे से बहुत सारा रस निकलता है । जिनको हम हार्मोन्स ,एंझाईम्स कह सकते है ये पिनियल ग्लॅंड (मन )संतुष्टी के लिए सबसे आवश्यक है , तो भोजन आपको अगर तृप्त करता है तो पिनियललॅंड आपकी सबसे ज्यादा सक्रीय है तो जो भी एंझाईम्स चाहीए शरीर को वो नियमित रूप मंे समान अंतर से निकलते रहते है । और जो भोजन से तृप्ती नहीं है तो पिनियल ग्लॅंड मे गडबड होती है । और पिनियल ग्लॅंड की गडबड पूरे शरीर मे पसर जाती है । और आपको तरह तरह के रोगो का शिकार बनाती है । अगर आप तृप्त भोजन नहीं कर पा रहे तो निश्चित 10-12 साल के बाद आपको मानसिक क्लेश होगा और रोग होंगे । मानसिक रोग बहुत खराब है । आप सिझोफ्रनिया डिप्रेशन के शिकार हो सकते है आपको कई सारी बीमारीया ,27 प्रकार की बीमारीया आ सकती है , । कभी भी भोजन करे तो, पेट भरे ही ,मन भी तृप्त हो । ओर मन के भरने और पेट के तृप्त होने का सबसे अच्छा समय सवेरे का है ।

अब मैने(राजीव भाई ने ) ये बागवटजी के सूत्रों को चारो तरफ देखना शुरू किया तो मुझे पता चला की मनुष्य को छोडकर जीव जगत का हर प्राणी इस सूत्रा का पालन कर रहा है । मनुष्य अपने को होशियार समझता है । लेकिन मनुष्य से ज्यादा होशियारी जीव जगत के प्राणीयों मे है । आप चिडीया को देखो, कितने भी तरह की चिडीये, सबेरे सुरज निकलते ही उनका खाना शुरू हो जाता है , और भरपेट खाती है । 6 बजे के आसपास राजस्थान, गुजरात में जाओ सब तरह की चिडीया अपने काम पर लग जाती है। खूब भरपेट खाती है और पेट भर गया तो चार घंटे बाद ही पानी पीती है । गाय को देखिए सुबह उठतेही खाना शुरू हो जाता है । भैंस, बकरी ,घोडा सब सुबह उठते ही खाना खाना शुरू करंगे और पेट भरके खाएँगे । फिर दोपहर को आराम करेंगे तो यह सारे जानवर ,जीवजंतू जो हमारी आँखो से दीखते है और नही भी दिखते ये सबका भोजन का समय सवेरे का हैं । सूर्योदय के साथ ही थे सब भोजन करते है । इसलिए, थे हमसे ज्यादा स्वस्थ रहते है ।
मैने आपको कई बार कहा है आप उस पर हँस देते है किसी भी चिडीया को डायबिटीस नही होता किसी भी बंदर को हार्ट अॅटॅक नहीं आता । बंदर तो आपके नजदीक है ! शरीर रचना मे बस बंदर और आप में यही फरक है की बंदर को पूछ है आपको नहीं है बाकी अब कुछ समान है । तो ये बंदर को कभी भी हार्ट अॅटॅक, डासबिटीस ,high BP ,नहीं होता ।

मेरे एक बहुत अच्छे मित्रा है, डॉ. राजेंद्रनाथ शानवाग । वो रहते है कर्नाटक में उडूपी नाम की जगह है वहाँपर रहते है । बहुत बडे ,प्रोफेसर है, मेडिकल कॉलेज में काम करते है । उन्होंने एक बडा गहरा रिसर्च किया ।की बंदर को बीमार बनाओ ! तो उन्होने तरह तरह के virus और बॅक्टेरिया बंदर के शरीर मे डालना शुरू किया, कभी इंजेक्शन के माध्यम से कभी किसी माध्यम से । वो कहते है, मैं 15 साल असफल रहाँ । बंदर को कुछ नहीं हो सकता । और मैने कहा की आप ये कैसे कह सकते है की, बंदर कुछ नहीं हो सकता , तब उन्हांने एक दिन रहस्य की बात बताई वो आपको भी ,बता देता हूँ । की बंदर का जो है न RH factor दुनिया में ,सबसे आदर्श है, और कोई डॉक्टर जब आपका RH factor नापता है ना ! तो वो बंदर से ही कंम्पेअर करता है , वो आपको बताता नहीं ये अलग बात है । कारण उसका ये है की, उसे कोई बीमारी आ ही नहीं सकती । ब्लड मे कॉलेस्टेरॉल बढता ही नहीं । ट्रायग्लेसाईड कभी बढती नहीं डासबिटीस कभी हुई नहीं । शुगर कितनी भी बाहर से उसके शरीर मे डंट्रोडयूस करो, वो टिकती नहीं । तो वो प्रोफेसर साहब कहते है की, यार ये यही चक्कर है ,की बंदर सवेरे सवेरेही भरपेट खाता है । जो आदमी नहीं खा पाता ।
तो वो प्रोफेसर रवींद्रनाथ शानवागने अपने कुछ मरींजों से कहा की देखो भया , सुबह सुबह भरपेट खाओ ।तो उनके कई मरीज है वो मरीज उन्हे बताया की सुबह सुबह भरपेट खाना खाओ तो उनके मरीज बताते है की, जबसे उन्हांने सुबह भरपेट खाना शुरू किया तो , डासबिटीस माने शुगर कम हो गयी, किसी का कॉलेस्टेरॉल कम हो गया, किसी के घटनों का दर्द कम हो गया कमर का दर्द कम हो गया गैस बनाना बंद हो गई पेट मे जलन होना, बंद हो गयी नींद अच्छी आने लगी ..... वगैरा ..वगैरा । और ये बात बागवटजी 3500 साल पहले कहते ये की सुबह की खाना सबसे अच्छा । माने जो भी स्वाद आपको पसंद लगता है वो सुबह ही खाईए ।
तो सुबह के खाने का समय तय करिये । तो समय मैने आपका बता दिया की, सुरज उगा तो ढाई घंटे तक । माने 9.30 बजे तक, ज्यादा से ज्यादा 10 बजे तक आपक भोजन हो जाना चाहिए । और ये भोजन तभी होगा जब आप नाश्ता बंद करेंगे । ये नाष्ता हिंदुस्थानी चीज नहीं है । ये अंग्रेजो की है और आप जानते है हमारे यहाँ क्या चक्कर चल गया है , नाष्टा थोडा कम, करेंगे ,लंच थोडा जादा करेंगे, और डिनर सबसे ज्यादा करेंगे । सर्वसत्यानाष । एकदम उलटा बागवटजी कहेते है की, नाष्टा सबसे ज्यादा करो लंच थोडा कम करो और डिनर सबसे कम करो । हमारा बिलकूल उलटा चक्कर चल रहा है !

ये अग्रेज और अमेरिकीयो के लिए नाष्टा सबसे कम होता है कारण पता है ??वो लोग नाष्टा हलका करे तो ही उनके लिए अच्छा है। हमारे लिए नाष्टा ज्यादा ही करना बहूत अच्छा है । कारण उसका एकही है की अंग्रेजो के देश में सूर्य जलदी नही निकलता साल में 8-8 महिने तक सूरज के दर्शन नहीं होते और ये जठरग्नी है । नं ? ये सूरज के साथ सीधी संबंध्ति है जैसे जैसे सूर्य तीव्र होगा अग्नी तीव्र होगी । तो युरोप अमेरिका में सूरज निकलता नहीं -40 तक . तापमान चला जाता है 8-8 महिने बर्फ पडता है तो सूरज नहीं तो जठरग्नी तीव्र नहीं हो सकती तो वो नाष्टा हेवियर नही कर सकते करेंगे तो उनको तकफील हो जाएँगी !
अब हमारे यहाँ सूर्य हजारो सालो से निकलता है और अगले हजारो सालों तक निकलेगा ! तो हमने बिना सोचे उनकी नकल करना शुरू कर दिया ! तो बाग्वट जी कहते है की, सुबह का खाना आप भरपेट खाईए । ? फिर आप इसमें तुर्क - कुतुर्क मत करीए ,की हम को दुनिया दारी संभालनी है , किसलिए ,पेट के लिए हीं ना? तो पेट को दूरूस्त रखईये , तो मेरा कहना है की, पेट दुरूस्त रखा तो ही ये संभाला तोही दुनिया दारी संभलती है और ये गया तो दुनिया दारी संभालकर करेंगे क्या?
मान लीजिए, पेट ठीक नहीं है , स्वास्थ ठीक नहीं है , आप ने दस करोंड कमा लिया क्या करेंगे, डॉक्टर को ही देगे ना ? तो डॉक्टर को देने से अच्छा किसी गोशाला वाले को दिजीए ;और पेट दुरूस्त कर लिजिए । तो पेट आपका है तो दुनिया आपकी है । आप बाहर निकलिए घरके तो सुबह भोजन कर के ही निकलिए । दोपहर एक बजे में जठराग्नी की तीव्रता कम होना शुरू होता है तो उस समय थोडा हलका खाए माने जितना सुबह खाना उससे कम खाए तो अच्छा है। ना खाए तो और भी अच्छा । खाली फल खायें , ज्यूस दही मठठा पिये । शाम को फिर खाये ।
अब शाम को कितने बजे खाएं ???
तो बाग्वट जी कहते हैं हमे प्रकति से बहूत सीखने की जरूरत हैं । दीपक । भरा तेल का दीपक आप जलाना शुरू किजीए । तो पहिली लौ खूप तेजी से चलेगी और अंतिम लव भी तेजी से चलेगी माने जब दीपक बूजने वाला होगा, तो बुझने से पहले ते जीसे जलेगा , यही पेट के लिए है । जठरग्नी सुबह सुबह बहूत तीव्र होगी और शमा को जब सूर्यास्त होने जा रहा है, तभी तीव्र होगी, बहुत तीव्र होगी । वो कहते है , शामका खाना सूरज रहते रहते खालो; सूरज डूबा तो अग्नी भी डूबी । तो वैसे जैन दर्शन में कहा है सभी भोजन निषेध् है बागवटजी भी यही कहते है ,तरीका अलग है ,बस । जैन दर्शन मे अहिंसा के लिए कहते है,वो स्वास्थ के लिए कहेते है । तो शाम का खाना सूरज डुबने की बाद दुनिया में ,कोई नहीं खाता । गाय ,भैंस को खिलाके देखो नहीं खाएगी ,बकरी ,गधे को खिलाके देखो, खाता नहीं । हा बिलकूल नहीं खाता । आप खाते है , तो आप अपने को कंम्पेअर कर लीजीए किस के साथ है आप ? कोई जानवर, जीवटाशी सूर्य डूबने के बाद खाती नही ंतो आप क्यू खा रहे है ?
प्रकृती का नियम बागवटजी कहते है की पालन करीए माना रात का खाना जल्दी कर दीजिए ।
सूरज डुबने के पहले 5.30 बजे - 6 बजे खायिए । अब कितना पहले ? बागवट जीने उसका कॅल्क्यूलेशन दिया है, 40 मिनिट पहले सूरज चेन्नई से शाम 7 बजे डूब रहा है । तो 6.20 मिनट तक हिंदूस्थान के किसी भी कोने में जाईए सूरज डूबने तक 40 मिनिट तक निकलेगा । तो 40 मिनिट पहले शाम का खाना खा लिजीए और सुबह को सूरज निकलने के ढाई घंटे तक कभी भी खा लीजीए । दोनो समय पेट भरके खा लिजिए । फिर कहेंगे जी रात को क्या ? तो रात के लिए बागवटजी कहेते है की, एक ही चीज हैं रात के लिए की आप कोई तरल पदार्थ ले सकते है । जिसमे सबसे अच्छा उन्होंने दूध कहा हैं । बागवटजी कहते है की, शाम को सूरज डूबने के बाद ‘हमारे पेट में जठर स्थान में कुछ हार्मोन्स और रस या एंझाईम पैदा होते है जो दूध् को पचाते है’ । इसलिए वो कहते है सूर्य डूबने के बाद जो चीज खाने लायक है वो दूध् है । तो रात को दूध् पी लीजीऐ । सुबह का खाना अगर आपने 9.30 बजे खाया तो 6.00 बजे खूब अच्छे से भूक लगेगी ।
फिर आप कहेंगे जी, हम तो दुकान पे वैठे है 6 बजे तो डब्बा मँगा लीजिए । दुकान में डिब्बा आ सकता है । हाँ दुकान में आप बैठे है, 6 बजे डब्बा आ सकता है और मैं आपको हाथ जोडकर आपसे कह रहाँ हूँ की आप मेरे से अगर कोई डायबिटीक पेशंट है, कोई भी अस्थमा पेशंट है, किसी को भी बात का गंभीर रोग है आज से ये सूत्रा चालू कर दिजीए । तीन महिने बाद आप खुद मुझे फोन करके कहंगे की, राजीव भाई, पहले से बहुत अच्छा हूँ sugar level मेरा कम हो रहा है ।
अस्थमा कम हो रहा है। ट्रायग्लिसराईड चेक करा लीजीए, और सूत्रा शुरू करे, तीन महीने बाद फिर चेक करा लीजीए, पहले से कम होगा, LDL बहुत तेजी से घटेगा ,HDL बढ़ेगा । HDL बढना चाहिए, LDL VLDL कम होना ही चाहिए । तो ये सूत्रा बागवटजी का जितना संभव हो आप ईमानदारी से पालन करिए वो आपको स्वस्थ रहने में बहुत मदद करेगा !!
पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !
यहाँ जरूर click करे !
अमर शहीद राजीव दीक्षित जी की जय !
Like   Comment   

Monday, 19 October 2015

महमूद गजनवी सत्रह हमलों में लगभग चार लाख हिन्दु स्त्रियों को पकड़ कर गजनी उठा ले गया

महमूद गजनवी हिन्दुओं के मुंह पर अफगानी जूता मारने.. 
उनको अपमानित करने के लिये अपने सत्रह हमलों में लगभग चार लाख हिन्दु स्त्रियों को पकड़ कर गजनी उठा ले गया.. घोड़ों के पीछे.. रस्सी से बांध कर..!
महमूद गजनवी जब इन औरतों को गजनी ले जा रहा था.. तो वे अपने पिता.. भाई और पतियों से बुला-बुला कर बिलख-बिलख कर रो रही थीं.. अपनी रक्षा के लिए पुकार कर रही थी..!
लेकिन करोडो हिन्दुओं के बीच से.. उनकी आँखों के सामने..वो निरीह स्त्रियाँ मुठ्ठी भर मुसलमान सैनिकों द्वारा घसीट कर भेड़ बकरियों की तरह ले जाई गई ! 
रोती बिलखती इन लाखों हिन्दु नारियों को बचाने न उनके पिता बढे.. न पति उठे.. न भाई और न ही इस विशाल भारत के करोड़ो समान्य हिन्दु !
साभार ......जबरदस्ती का भाईचारा ढोते हिंदुओं अपना इतिहास तो देखो................. ........... " दुख्तरे हिन्दोस्तान..... नीलामे दो दीनार..... "
समयकाल.. ईसा के बाद की ग्यारहवीं सदी.. !
भारत अपनी पश्चिमोत्तर सीमा पर अभी-अभी ही राजा जयपाल की पराजय का साक्षी हुआ था .. !
इस पराजय के तुरंत पश्चात का अफगानिस्तान के एक शहर..... गजनी का एक बाज़ार..!
ऊंचे से एक चबूतरे पर खड़ी कम उम्र की सैंकड़ों स्त्रियों की भीड़..
जिनके सामने सैंकड़ों.. या शायद हज़ारों वहशी से दीखते बदसूरत किस्म के लोगों की भीड़ लगी हुई थी.. जिनमें अधिकतर अधेड़ या उम्र के उससे अगले दौर में थे.. !
कम उम्र की उन स्त्रियों की स्थिति देखने से ही अत्यंत दयनीय प्रतीत हो रही थी.. उनमें अधिकाँश के गालों पर आंसुओं की सूखी लकीरें खिंची हुई थी.. मानो आसुओं को स्याही बना कर हाल ही में उनके द्वारा झेले गए भीषण दौर की कथा प्रारब्ध ने उनके कोमल गालों पर लिखने का प्रयास किया हो.. ! एक बात जो उन सबमें समान थी... किसी के भी शरीर पर वस्त्र का एक छोटा सा टुकड़ा नाम को भी नहीं था.. सभी सम्पूर्ण निर्वसना ..... !
सभी के पैरों में छाले थे.. मानो सैंकड़ों मील की दूरी पैदल तय की हो.. !


सामने खड़े वहशियों की भीड़ अपनी वासनामयी आँखों से उनके अंगों की नाप-जोख कर रही थी.. ! कुछ मनबढ़ आंखों के स्थान पर हाथों का प्रयोग भी कर रहे थे.. !
सूनी आँखों से अजनबी शहर और अनजान लोगों की भीड़ को निहारती उन स्त्रियों के समक्ष हाथ में चाबुक लिए क्रूर चेहरे वाला घिनौने व्यक्तित्व का एक गंजा व्यक्ति खड़ा था.. मूंछ सफाचट.. बेतरतीब दाढ़ी उसकी प्रकृतिजन्य कुटिलता को चार चाँद लगा रही थी.. !
दो दीनार..... दो दीनार... दो दीनार...
हिन्दुओं की खूबसूरत औरतें.. शाही लडकियां.. कीमत सिर्फ दो दीनार..
ले जाओ.. ले जाओ.. बांदी बनाओ... एक लौंडी... सिर्फ दो दीनार..
दुख्तरे हिन्दोस्तां.. दो दीनार.. !
भारत की बेटी.. मोल सिर्फ दो दीनार.. !
किसी अखबार से जुड़े एक सज्जन अफगानिस्तान के गजनी नामक स्थान गये थे.. ! वहाँ उन्होंने उस जगह को देखा जहाँ हिन्दु औरतों की नीलामी हुई थी ! उस स्थान पर मुसलमानों ने एक मीनार बना रखी है.. जिस पर लिखा है- 'दुख्तरे हिन्दोस्तान.. नीलामे दो दीनार..' अर्थात ये वो स्थान है... जहां हिन्दु औरतें दो-दो दीनार में नीलाम हुईं !
महमूद गजनवी हिन्दुओं के मुंह पर अफगानी जूता मारने.. उनको अपमानित करने के लिये अपने सत्रह हमलों में लगभग चार लाख हिन्दु स्त्रियों को पकड़ कर गजनी उठा ले गया.. घोड़ों के पीछे.. रस्सी से बांध कर..! महमूद गजनवी जब इन औरतों को गजनी ले जा रहा था.. तो वे अपने पिता.. भाई और पतियों से बुला-बुला कर बिलख-बिलख कर रो रही थीं.. अपनी रक्षा के लिए पुकार कर रही थी..! लेकिन करोडो हिन्दुओं के बीच से.. उनकी आँखों के सामने..वो निरीह स्त्रियाँ मुठ्ठी भर मुसलमान सैनिकों द्वारा घसीट कर भेड़ बकरियों की तरह ले जाई गई ! रोती बिलखती इन लाखों हिन्दु नारियों को बचाने न उनके पिता बढे.. न पति उठे.. न भाई और न ही इस विशाल भारत के करोड़ो समान्य हिन्दु !
उनकी रक्षा के लिये न तो कोई अवतार हुआ और न ही कोई देवी देवता आये ! महमूद गजनवी ने इन हिन्दु लड़कियों और औरतों को ले जा कर गजनवी के बाजार में समान की तरह बेच ड़ाला ! विश्व के किसी धर्म के साथ ऐसा अपमान नही हुआ जैसा हिन्दुओं के साथ ! और ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि इन्होंने तलवार छोड़ दी.. ! सोचते हैं कि जब अत्याचार बढ़ेगा तब भगवान स्वयं उन्हें बचाने आयेंगे.. !
क्यों... ????????????
हिन्दुओं को समझ लेना चाहिये कि भगवान भी अव्यवहारिक अहिंसा व अतिसहिष्णुता को नपुसंकता करार देते हैं !
ये तो अब भी नहीं बदले हैं.. आज का ईराक जगह है.. और यजीदी गवाह.. !
तुम्हारी तैयारी क्या है.. ?
या तो मार डालो... या मर जाओ...
पर तमाशा मत देखना.. मर भले जाना.. किन्तु लडे बिना नहीं.. !
और मरना भी क्यों... धरती हमारी है ... किसी छोटे पजामे के बाप की नहीं.. !

Friday, 16 October 2015

चांदी का वर्क की न बिक्री होगी न गौ माता काटी जाएगी।चांदी का वर्क मिठाई नही खरीदनी

जिस मिठाई में चांदी का वर्क
वो मिठाई वाले को बोलो की
तेरी मिठाई नही खरीदनी क्यूंकि
ये चांदी का वर्क लगा है ।
इतनी मट्टी खराब कर दो इनकी की ये लोग कभी वर्क
न खरीदें । न वर्क की बिक्री होगी न गौ माता
काटी जाएगी।
दीपावली स्पेशल मेसेज
मिठाइयो पे लगा चाँदी का वर्क क्या है.....? आओ
जाने-
जिसको चाँदी का वर्क
कह के मिठाइयो पे लगाया जाता है, क्या आप जानते
है वो असल में क्या चीज है और कैसे बनता है....???
आप को जब ये पता चलेगा तो आप लोग येजब आपको
उस वर्क की असलियत मालूम पड़ेगी तो आप उस से बनी
हुई मिठाई खाना
तो दूर, आप उसे देखते पे भी उस पे घिन्न आयेगी....
अब जानते है ये चांदी का वर्क बनता कैसे है-
असल में यह वर्क चाँदी का होता ही नहीं है। यह
एल्युमिनियम जैसी एक चमकीली धातु से बनाया
जाता है।
आप को ये बताना चाहता हूँ
की जब गौमाता को मारा जाता है
तो गौ माता के पेट से जो आंत
निकलती है सिर्फ उससे
ही वर्क बन सकता है।
ध्यान रहे
यह अन्य किसी भी पशु की आंत से
या किसी अन्य वस्तु से कभी
नहीं बन सकती....
यह बनती है, आंत को काट कर उसके अंदर उस चमकीली
चाँदी जैसी धातू का वर्क का बड़ा टुकड़ा
डाल दिया जाता है और
फिर उस चमकीली धातु को गाय की आत में डाल कर
लकड़ी के हतोड़े से खूब देर
पिटाई की जाती है
जिससे आंत फ़ैल जाती है
क्यों की गऊ की आंत
कभी नहीं फटती वर्क
जो आसानी से पिटाई के दोरान फ़ैल
जाता है और पूरी आंत वर्क में
बदल जाती है
लेकिन हम इतने शर्म-निर्पेक्स हैं
कि हममे से कइयो को कुछ पता होते हुए
भी वर्क वाली मिठाइयो का सेवन कर गौहत्या
बढ़ाने का पाप कर रहे हैं....
आप सब से एक नम्र निवेदन :
सभी गौ रक्षक, गौ प्रेमियों
आओ हम सब कसम खाये की हमारे
घर पर चाँदी के वर्क
लगी मिठाई या कोई अन्य खाने
की वस्तु को
ना हम आपने घर पर लायेगे और
ना ही किसी को उपहार
में देंगे
हमें चाँदी जैसी चमकीली धातु वाले वर्क की
लगी मिठाई ना हम खायेगे और
ना ही आपने परिवार, सगे सबंधियो एवं
मित्रो को खाने देगे ....
जिस दिन से हम ये करने लगेगे आप देख
लेना 3०-40% बुचड खाने बंद हो जाये गे ......
चाँदी वर्क बनाने के लिए भारत मे हर साल एक लाख
सोलह हजार गयो का क़त्ल
किया जाता हे ......
चाँदी का वर्क
गाय की आंतड़ियों के
बीच रखकर कुट कर
बनाया जाता हे........आप चांदी के
वर्क लगी मीठाई
नहीं खाये...........
...नहीं तो आप ओर गोमांस
भक्षी मे कोई अंतर
नहीं होगा ,
ओर हम
ही भागी होंगे हर
साल होने वाली 1,16,000
गायों की हत्या के लिए......
आप
अगर मीठाई की दुकान
चलाते हे तो चाँदी का वर्क
लगी मिठाई ना बेचे .......यह
हिन्दू धर्म भर्स्ट करने का षड्यंत्र
हे......
गौहत्या को रोकने के हम एकीकृत छोटे छोटे प्रयास
हम अपने स्वयं से शुरू करे।
आप इस आन्दोलन की शुरुआत हम अपने घर से करे,
इस दीपावली को चाँदी के वर्क वाली मिठाई ना
तो ख़रीदे, ना किसी की दी हुई स्वीकार करे और
ना ही बेचे। जिस भी घर आप मिलने जाओ, वहा यदि
आपकी चाँदी वर्क वाली मिठाई दी जाती है तो
उसे ना खाए और उन घर वालो को भी संक्षिप्त में
बताये कि आप क्यों नहीं खा रहे है।

आयुर्वेदिक दोहे


=============
१Ⓜ
दही मथें माखन मिले, 
केसर संग मिलाय,
होठों पर लेपित करें,
रंग गुलाबी आय..
२Ⓜ
बहती यदि जो नाक हो,
बहुत बुरा हो हाल,
यूकेलिप्टिस तेल लें,
सूंघें डाल रुमाल..
३Ⓜ
अजवाइन को पीसिये ,
गाढ़ा लेप लगाय,
चर्म रोग सब दूर हो,
तन कंचन बन जाय..
४Ⓜ
अजवाइन को पीस लें ,
नीबू संग मिलाय,
फोड़ा-फुंसी दूर हों,
सभी बला टल जाय..
५Ⓜ
अजवाइन-गुड़ खाइए,
तभी बने कुछ काम,
पित्त रोग में लाभ हो,
पायेंगे आराम..
६Ⓜ
ठण्ड लगे जब आपको,
सर्दी से बेहाल,
नीबू मधु के साथ में,
अदरक पियें उबाल..
७Ⓜ
अदरक का रस लीजिए.
मधु लेवें समभाग,
नियमित सेवन जब करें,
सर्दी जाए भाग..
८Ⓜ
रोटी मक्के की भली,
खा लें यदि भरपूर,
बेहतर लीवर आपका,
टी० बी० भी हो दूर..
९Ⓜ
गाजर रस संग आँवला,
बीस औ चालिस ग्राम,
रक्तचाप हिरदय सही,
पायें सब आराम..
१०Ⓜ
शहद आंवला जूस हो,
मिश्री सब दस ग्राम,
बीस ग्राम घी साथ में,
यौवन स्थिर काम..
११Ⓜ
चिंतित होता क्यों भला,
देख बुढ़ापा रोय,
चौलाई पालक भली,
यौवन स्थिर होय..
१२Ⓜ
लाल टमाटर लीजिए,
खीरा सहित सनेह,
जूस करेला साथ हो,
दूर रहे मधुमेह..
१३Ⓜ
प्रातः संध्या पीजिए,
खाली पेट सनेह,
जामुन-गुठली पीसिये,
नहीं रहे मधुमेह..
१४Ⓜ
सात पत्र लें नीम के,
खाली पेट चबाय,
दूर करे मधुमेह को,
सब कुछ मन को भाय..
१५Ⓜ
सात फूल ले लीजिए,
सुन्दर सदाबहार,
दूर करे मधुमेह को,
जीवन में हो प्यार..
१६Ⓜ
तुलसीदल दस लीजिए,
उठकर प्रातःकाल,
सेहत सुधरे आपकी,
तन-मन मालामाल..
१७Ⓜ
थोड़ा सा गुड़ लीजिए,
दूर रहें सब रोग,
अधिक कभी मत खाइए,
चाहे मोहनभोग.
१८Ⓜ
अजवाइन और हींग लें,
लहसुन तेल पकाय,
मालिश जोड़ों की करें,
दर्द दूर हो जाय..
१९Ⓜ
ऐलोवेरा-आँवला,
करे खून में वृद्धि,
उदर व्याधियाँ दूर हों,
जीवन में हो सिद्धि..
२०Ⓜ
दस्त अगर आने लगें,
चिंतित दीखे माथ,
दालचीनि का पाउडर,
लें पानी के साथ..
२१Ⓜ
मुँह में बदबू हो अगर,
दालचीनि मुख डाल,
बने सुगन्धित मुख, महक,
दूर होय तत्काल..
२२Ⓜ
कंचन काया को कभी,
पित्त अगर दे कष्ट,
घृतकुमारि संग आँवला,
करे उसे भी नष्ट..
२३Ⓜ
बीस मिली रस आँवला,
पांच ग्राम मधु संग,
सुबह शाम में चाटिये,
बढ़े ज्योति सब दंग..
२४Ⓜ
बीस मिली रस आँवला,
हल्दी हो एक ग्राम,
सर्दी कफ तकलीफ में,
फ़ौरन हो आराम..
२५Ⓜ
नीबू बेसन जल शहद ,
मिश्रित लेप लगाय,
चेहरा सुन्दर तब बने,
बेहतर यही उपाय..
२६.Ⓜ
मधु का सेवन जो करे,
सुख पावेगा सोय,
कंठ सुरीला साथ में ,
वाणी मधुरिम होय.
२७.Ⓜ
पीता थोड़ी छाछ जो,
भोजन करके रोज,
नहीं जरूरत वैद्य की,
चेहरे पर हो ओज..
२८Ⓜ
ठण्ड अगर लग जाय जो
नहीं बने कुछ काम,
नियमित पी लें गुनगुना,
पानी दे आराम..
२९Ⓜ
कफ से पीड़ित हो अगर,
खाँसी बहुत सताय,
अजवाइन की भाप लें,
कफ तब बाहर आय..
३०Ⓜ
अजवाइन लें छाछ संग,
मात्रा पाँच गिराम,
कीट पेट के नष्ट हों,
जल्दी हो आराम..
३१Ⓜ
छाछ हींग सेंधा नमक, x
दूर करे सब रोग, जीरा
उसमें डालकर,
पियें सदा यह भोग..।
ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ।।

Saturday, 10 October 2015

ये हैं असली हिन्दुस्तानी हीरो -

भारत मुर्दाबाद बोलने पर B.N.College, उदयपुर के राजपूत लड़कों ने कॉलेज में घुसकर कश्मीरी मुस्लिम लड़कों को तलवार, हॉकी और डंडे से धोया।
घटना उदयपुर के पेसिफिक कॉलेज की है। जब कैम्पस में " भारत मुर्दाबाद" के नारे लगाने की खबर B.N. College के छात्रों तक पहुँची। खबर सुनते ही पैसिफिक काॅलेज पहुँचे और बहादुर मुस्लिम कश्मीरी छात्रों को बुरी तरह दौड़ा दौड़ा कर पीटा ।
ये लोग भूल गए थे की मेरठ और नोएडा की जैसी गुंडागर्दी यहाँ पर नहीं चलती b.n. college के 200 से ज्यादा राजपूत युवा तलवार , हॉकी और डंडे लेकर पेसिफिक कॉलेज से लड़को में घुसकर मारा ।
जय हो ।
B.n. college के छात्रसंघ अध्यक्ष चन्द्रदीप सिंह सोलंकी का बहुत आभार ।

हिन्दू लडकियो की मानसिकता और लव जिहाद :-

सिर्फ धैर्यवान लोग ही पढ़ें।
हिन्दू लडकियो की मानसिकता और लव जिहाद :-
अगर आपके घर मे लडकी है तो जरूर पढना अगर नही है तो भी पढना तांकि किसी दूसरे को सावधान किया जा सके:--
जब किसी हिन्दू के घर मे बेटी पैदा होती है। तो ये देखा गया है माता पिता उसे विशेष धार्मिक संस्कार देना एक बडा बोझ समझते है। और अधिकतर माता पिता अपनी बच्चियो को जन्म से ही फिल्मी गानो की लत लगाकर बिगाडना शुरू कर देते है। उदहरण के लिए आप कही किसी रिश्तेदर के यहा जाओ तो कुछ परिवारो मे तो आपने देखा होगा कि माता पिता बच्ची को बोलते है कि "प्रिया बेटा वो फलाने गाने पर डाँस करके दिखाओ अंकल को", "अंकिता बेटा वो वाला गाना सुनाओ बुआ को जिसमे करीना कपूर और सैफ अली खान थे", "कृतिका बेटा जरा चाचू को वो चिकनी चमेली वाले गाने पर डाँस करके दिखाओ", "श्रेया बेटा ! मामीजी को वो बेबी डौल का गाना सुनाओ"। तो ऐसे कई उदाहरणो से स्पष्ट होगा कि माता पिता अपनी ही बच्ची को किस गंदगी मे खुद जाने अंजाने मे धकेल रहे है। तो बच्ची मे पहले ही संस्कार ऐसे पड रहे जो कि आगे जाकर उसके लिए नासूर बनने वाले है।
बच्ची थोड़ी बड़ी हो रही है तो माँ उसे अपने साथ बालीवुड के अलावा साँस बहू आदि के टीवी सीरियल दिखाने की लत डालती है। अब दोनो माँ बेटीया एकसाथ बैठकर टीवी देखने लगी है। और अधिकर घर मे एक सीरीयल समाप्त होता है तो दूसरा शुरू, दूसरा समाप्त तो तीसरा शुरू तो ऐसे ही अधिक समय टीवी सीरीयल देखने के कारण बेटी के संस्कार और बिगडने लगते है,और खाली समय मे भी माँ बेटीया आपसे मे सीरीयल की बाते करती मिलती है। जैसे "मम्मी काश जगिया और आनंदी की फिर से शादी हो जाए", "बेटी क्या कल अनुराग प्रेरणा को अपने दिल की बात कह पाएगा ? "इत्यादी बातचीत से पता लग रहा है कि टीवी का जुनून माँ बेटी के दिमाग कितना हावी हो चुका है।
साथ साथ हमारी सैकुलर शिक्षा पद्धति की मार बच्ची पर पडती रहती है। प्रतीदिन उसे सैकुलरिजम की डोज NCERT के सलेबस के माध्यम से मिल रही है। जिसमे बाबर, औरंगजेब बस एक लुटेरे थे, अकबर बादशाह बहुत महान था, देश को आजादी गाँधी और नेहरू की अहिंसा ने दिलाई जिससे डरकर अंग्रेज भाग गए, भगत सिंह, राजगुरू आदि आतंकवादी थे। वगैरा वगैरा रोज उसे ये दिलासा देने के लिए काफी है कि सब धर्म अच्छे होते है। और लडाईया युद्ध करके नही अहिंसा से जीती जाती है।
अब बेटी थोडी और बडी हो गई है, तो उसके पापा नया मोबाईल लेकर देते है जिसके साथ ही बेटी इंटरनैट की दुनिया मे कदम रखती है। बचपन के कुसंस्कारो से पल रही लडकी अब एक नई ही दुनिया मे खोई रहने लगती है। अपने आपको Princess, Angel आदि समझने लगी है। हर समय कानो मे EarPhone ढूँस कर बलीवुड के प्यारे प्यारे गाने सुनना बडा अच्छा लगता है। और अपने दोस्तो के साथ मजा मस्ती करना, एक दूसरे को पार्टी देना, और ये सोचना कि एक ही तो Life मिली है Enjoy करो ! क्या करना देश धर्म वगैरा की Boaring Boaring बातो से ? तो ऐसे ये लडकी अपनी एक अलग ही दुनिया मे खोई रहती है। और बैड पर Teddy Bear साथ लेकर सोती है।
बालिवुड के गाने रोज Earphone लगाकर सुनने वाली लडकी तो खान हिरोज की दिवानी हो चुकी है। बालीवुड मे भी हिन्दी गानो मे रक्षा बंधन, माता पिता, आदि के गानो के स्थान पर अधिकतर अली मौला! अल्लाह अल्लाह! , जुम्मे की रात है !, भरदे झोली मेरी या मुहम्मद ! , मौला मेरे मौला !, या रब्बा दे दे कोई जान भी अगर !, इस शाने करम का क्या कहना ?,या आली रहम आली ! आदि सुन सुनकर तो वो लडकी के मन मे भगवान से भी अधिक अली, मौला, रब्ब की जगह बन जाती है। और वो तो सबको एक जैसा मानने लगती है। सारे धर्म अच्छे और एक जैसे होते है, ऐसा उसका विश्वास पक्का हो जाता है। पाठको को बहुत हद तक पता लग ही गया होगा कि किस प्रकार लडकी के संस्कार बिगड चुके है। और लडकी का मन एक भूमि की तरह है जो कि लव जिहाद की फसल को पैदा करने के लिए उपजाऊ हो चुकी है। जिसमे कोई जिहादी किसी भी समय बीज डाल सकता है और अपनी खेती कर सकता है।
अब अधिकर तो High School या फिर Colledge मे ही लडकी जब जाती है तो उसकी भी इच्छा होती है कि उसका कोई Boyfriend हो, जो उसको महंगे महंगे Gifts लेकर दे, जो उसे घुमाने लेकर जाए, किसी बडे से Resort मे Treat दिलाए, जो उसके मोबाईल को रिचार्ज कराए। तो ये सब इच्छाए बालिवुड और टीवी सीरीयल को देख देखकर ही हुई है। अब ऐसे मे कोई न कोई तो ढूँढना ही था। तो पहले से ही घात लगाए कोई शौएब, कोई अय्युब, कोई साजिद, कोई अकरम, कोई सुहैल उसे मिल जाता है। जिसे मस्जिदो मे बकायदा ट्रेनिंग दी गई है, जो हिन्दू लडकी की Mentality को बखूबी जानता है, जो अरब देशो से बहुत सा पैसा All India Muslim Scholarship Fund मस्जिदो और मदरसो को मिलता है वही पैसा उस लडके को Pocket Money के रूप मे मिलता है जो वह उस लडकी पर खर्च करने वाला है। तो जी देखो लडकी की जो जो इच्छाए थी। लडकी ने जो कीमत अपने कौमार्य की लगाई थी उसे पूरा करने वाला शौएब, साजिद, अकरम, सुहैल आदि तैयार है।
ये जो घात लगाया हुआ मुसलमान लडका है ये अपने आप को उस तथाकथित Princess, Barbie Doll, Angel के सामने अच्छे अच्छे कपडे पहन कर आता है, उससे मीठी मीठी बाते करता है, उसके हर काम मे हैल्प करता है, उसके हर दुख मे शामिल होता है, उसे ये बनकर दिखाता है कि उससे अच्छा इस दुनिया मे कोई नही है। और भवनाओ मे बही हुई Princess को और चाहिए भी क्या था ? उसकी सारी इच्छाए जो पूरी हो रही है । उसे अपना Dream Boy अपना Prince जो मिल गया। अब उसके लिए तो Religion Matter करता ही नही। और दूसरी बात ये है कि Bollywood को फौलो करने वाली उस Barbiedoll को पता है कि शाहरुख, सलमान, सैफ, फवाद खान आदि सभी तो मुसलिम है। और इन सब चीजो के रहते उसके मन मे मुस्लिम प्रेम इस हद तक बैठ जाता है कि वो किसी से भी अपने मुस्लिम बायफ्रैंड के बारे मे उलटा नही सुन सकती।
तो मानसिक जमीन उस लडकी की बचपन से लेकर अबतक माता पिता और टीवी ने तैयार की थी उसमे अब लव जैहाद का बीज डल चुका है। लडकी ने Last Final Year Complete होते ही फैसला किया कि अब वो उसी लडके के साथ शादी करेगी। तो जी लडकी के माता पिता को पता लगता है कि लडकी घर से या अपने हास्टल से एकदम अचानक कही गायब हो गई है। पुलिस मे रिपोर्ट लिखाई लेकिन कुछ पता नही है। तो करीब एक या दो महीने बाद किसी सूत्र से पता लगता है कि लडकी कोर्ट मे है अपने पति के साथ है और लडका दूसरे समुदाय से है। फिर माता पिता पहुँचते है तो अब तो शादी होने वाली है। माता पिता या पुलिस कुछ नही कर सकते क्योंकि लडकी बालिग है। माता पिता बहुत रोते है बिलखते है, बेटी के पाँव पडते है, उसे समझाते है, लेकिन उस Princess पर कोई असर नही होता। तो शादी हो जाती है। और लो !!! गई भैंस पानी मे।
शादी तो हो गई कुछ दिन नई दुलहन बनी हिन्दू लडकी मजे से पति के साथ रहती है। तो अचानक से अपने मियाँ और उसके घर वालो के स्वभाव मे बदलाव देखती है। मौलवीयो का घर मे आना जाना लगा है लडकी को इस्लाम कुबूल करवाया जा रहा है। लड़की भी सोचती है सब एक ही तो हैं । तो लडकी पूर्ण रूप से मुसलमान हो जाती है, जो पहते श्रेया थी वो अब शाहिदा हो गई, जो स्वाती थी वो साजिदा हो गई, जो कृत्तिका थी वो अब कुलसुम हो गई। लेकिन मुसलमान बनने पर ही कुछ दिनो मे सास ससुर और पति का व्यवहार परेशान करने वाला लगने लगा। पति मारपीट करने वाला हो गया। ससुर जी और देवर जी नई जवान बहु को देख लार टपकाने लगे और अश्लील हरकते करने लगे। लडकी के विरोध करने पर उसे मारपीट और जान की धमकियाँ मिलने लगी। लडकी को माता पिता से फोन पर बात करने पर पाबंदी लगा दी गई। लडकी का जमकर यौन शोषण होने लगा। और अब लडकी अपने किए पर पछताने लगी रोने बिलखने लगी। कोई सहारा नही। जो पहले रोज कालेज जाने से पहले बाल संवारती थी वो अब बुर्के मे लपेट दी गई। लडकी के कुछ बच्चे भी पैदा हुए। लेकिन जीवन नर्क होने लगा।
अब तय हुआ कि लडकी को किसी वैश्या बाजार मे अच्छी कीमत के साथ बेचा जाए। तो लडकी को जबरदस्ती मार पीटकर किसी मुस्लिम स्लम बस्ती मे कुछ दिन रखा जाता है। वाह रे किस्मत ! जो पहले ऊँचे ऊँचे हिन्दू घराने मे रहती थी जो AC Room मे रहती थी वो अब दुर्गन्ध से युक्त स्लम बस्ति मे रहने लगी ! जहा हर समय ऊँची ऊँची आजान सुनाई देती है, जहा हर तरफ मुर्गे बकरे आदि की लाशे कटी दिखाई देती है, और बदबू मारती है, जहा दूर दूर तक दुकान मे पडे अंडो की बदबू आती है, जहा छतो पर चढे पठानी सूट पहने बच्चे पतंगे उडाते दिखते है, जहा पर झुग्गियो मे रहने वाली बुर्कानशी औरते बात बात पर गाली गलौच करती है। वाह रे Princess !, वाह रे Barbie Doll !, वाह रे Angel ! क्या किस्मत पाई तूने ??
और जब कोई खरीददार या कोई भारत पर सैक्स टूरिज्म के नाम पर आया हुआ अरबी शेख मिल जाता है तो लडकी अब उसके हाथो बेच दी गई और वो शेख उसे अपने साथ ले जाता है नमकीन बेगम बनाकर रोज उसका शोषण करता है, उसको कमरे मे बाँधकर रखता है, उसका पासपोर्ट जब्त कर लेता है। या फिर वो लडकी अब किसी वैश्याघर की शोभा बढा रही है। रोज मर्द आता है उसका शोषण करते है । यौन रोग लगे सो अलग से। बूढे होने पर तो सहवास की क्षमता भी नही रहती। बस फिर सिर पटक पटक कर मरना ही उचित समझा।
पूरा लेख पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
एक सवाल आपसे है, ये बताना कि इस सब मे दोष किसका है ? माता पिता का ? लडकी का ? जिहादी का ? टीवी का ? या किसका ?
सोचकर बताना और ये लेख कम से १० हिन्दू बहनो और ऐसे माता पिताओ को अवश्य पढाना जिनके घर मे बेटीया हो। आपके घर मे भी बहन या बेटी हो सकती है..

Thursday, 8 October 2015

अगर एक छिपकली ऐसा कर सकती है, तो हम क्यों नहीं कर सकते

मुझे मिला अब तक का सबसे बेहतरीन मैसेज
ये जापान में घटी सच्ची घटना है।
जापान में एक व्यक्ति अपने घर को तोड़ कर दोबारा बनवा रहा था।
जापान में घरों में लकड़ी की दीवारों में आमतौर पर खाली जगह रहती है।
जब उस घर की दीवारों को तोड़ रहे थे तो उस दीवार की खाली जगह में एक छिपकली फंसी हुई मिली। उस छिपकली के पैर में दीवार के बाहर की तरफ से निकल कर एक कील घुसी हुई थी।
जब उस छिपकली को देखा तो उस पर तरस तो आया ही साथ ही एक जिज्ञासा भी हुई क्योंकि जब कील को जांचा गया तो पता चला कि ये कील मकान बनाते समय 5 वर्ष पहले ठोकी गई थी।
क्या हुआ था?
छिपकली 5 वर्षों से एक ही जगह फंसी रहने के बावजूद जिन्दा थी!!
दीवार के एक छोटे से अँधेरे हिस्से में बिना हिले-डुले 5 वर्षों तक जिन्दा रहना असम्भव था।
ये वाकई हैरानी की बात थी कि छिपकली 5 वर्षों से जिन्दा कैसे थी! वो भी बिना एक कदम हिलाये, क्योंकि पैर दीवार से निकली कील में फंसा हुआ था।
सो वहाँ काम रोक दिया गया और छिपकली को देखने लगे कि वो क्या करती है और क्या और कैसे खाती है।
थोड़ी देर बाद पता नहीं कहाँ से एक और छिपकली आ गई जिसके मुंह में खाना था।
ये देख कर लोग हैरानी से सुन्न हो गये और ये बात उनके दिल को छू गई।
जो छिपकली पैर में कील घुसी होने की वजह से एक ही जगह फंस गई थी, दूसरी छिपकली पिछले 5 वर्षों से उसका पेट भर रही थी!!!!
अद्भुत! एक छिपकली द्वारा अपने साथी के प्रति बिना उम्मीद छोड़े ये सेवा पिछले 5 वर्षों से लगातार बिना थके चल रही थी।
अब आप सोचिये कि एक नन्हा सा जीव जो काम कर सकता है क्या कोई बुद्धिमान व्यक्ति उस काम को नहीं कर सकता।
कृपया अपने प्रियजनों का परित्याग ना करें।
जब उन्हें आपकी जरूरत हो उस समय उन्हें यह ना कहें कि आप व्यस्त हैं और आपके पास उनके लिये समय नहीं है।
हो सकता है कि आपके कदमों तले सारी दुनिया हो
लेकिन उनके लिये केवल आप ही उनकी दुनिया हो
आपकी उपेक्षा का एक पल उनके दिल को तोड़ सकता है जो आपके दिल में बसते हैं।
कुछ कहने से पहले ये याद रखें कि कुछ तोड़ने में केवल एक पल लगता है जबकि बनाने में पूरा जीवन लग जाता है।

लव जिहाद कैसे संचालित होता है ?

 स्कूलों में मुस्लिम लड़कियाँ अपनी हिंदू
सहेलियों की सैटिंग अपने मुसलमान लड़कों
से करवाती हैं और खुद किसी हिंदू लड़कों से
दूर रहती हैं । क्योंकि स्कूलों में मुसलमान
लड़के और लड़कियाँ झुंड बनाकर रहते हैं और
वहाँ पर मुसलमान लड़कियों को समझाया
जाता है कि हिंदू लड़कों से मत फँसना और
मुसलमान लड़कों को समझाया जाता है
कि हिंदू लड़कियों को पटाओ और मुस्लिम
सहेलियों की सहायता लो ।
• कालेजों में भी हिंदू लड़कियों को फँसाने
के लिए मुसलमानों की अलग से ही Fresher
Party होती हैं जिसमें सभी सीनीयर और
जूनियर लड़के लड़कियों की आपस में पहचान
करवाई जाती है । और उनको भी यही
समझाया जाता है कि मुस्लिम लड़कियाँ
कैसे हिंदू लड़कों से दूर रहें ? और मुस्लिम लड़के
कैसे हिंदू लड़कियों के पास आएँ ? कभी
कभी तो होस्टल में किसी एक कमरे को
खाली करके उसे मस्जिद बनाकर होस्टल के
सारे मुसलमान लड़के नमाज़ पढ़ने आते हैं और
यही नीतियाँ बनाते हैं कि कैसे हिंदू
लड़कियों को पटाया जाए ? कैसे सैकुलरों
को पीरखाने या दरगाहों पर ले जाकर
मुसलमान बनाया जाए?
• दरगाहों, मज़ारों, पीरखानों, कब्रों और
मस्जिदों से मुसलमान लड़के और लड़कियाँ
एक विशेष किसम का प्रसाद लेकर आते हैं
जिसे कि तव्वरुक्ख कहा जाता है । उसमें एक
विचित्र प्रकार का नशीला पदार्थ
मिला होता है । जिसे खाते ही किसी
भी व्यक्ति की काम इच्छा कई गुना बढ़
जाती है और उसे सैक्स करने की तड़प सी
होने लगती है । तो इसी तव्वरुक्ख को ये
मुसलमान लड़के लड़कियाँ अपनी मित्र हिंदू
लड़कियों को प्रसाद के रूप में खिलाते हैं ।
तो श्रद्धा के नाम पर जानकारी के अभाव
में ये हिंदू लड़कियाँ अंजाने में ही उस
तव्वरुक्ख को खाकर सैक्स के लिए पागल हो
उठती है । और इसी मौके का फायदा
उठाकर पहले से ही तैयार मुसलमान लड़के
हिंदू लड़कियों का कौमार्य भंग कर देते हैं ।
और बाद में लड़की का जमकर शोषण किया
जाता है । इसी तरह हिंदू लड़कियों को
खराब किया जा रहा है ।
• फेसबुक आदि साईटों के माध्यम से
मुसलमान लड़के हिंदू लड़कियों को अनेकों
नकली IDs बनाकर request भेजते हैं । और
भोली भाली सैकुलर हिंदू लड़कियों से
मीठी मीठी बातें करके पहले उनसे दोस्ती
गहरी करते हैं । फिर उनसे उनकी फोटोएँ
माँगते हैं । भावनाओं में बही हुई लड़कियाँ
फोटोएँ दे देती हैं । और फिर वही मुसलमान
लड़के उन फोटो के आधार पर लड़की को
Blackmail करते हैं । जिससे हताश होकर बहुत
सी लड़कियाँ फँस जाती हैं और अपना
कौमार्य उनपर लुटा देती हैं और या उनसे
शादियाँ कर लेती हैं ।
• शहर की मस्जिदों में सभी मुसलमानों की
मीटिंग रखी जाती है । जिसमें अमीर से
लेकर गरीब मुसलमान तक । रेढ़ीवाला,
कबाड़वाला, बर्तनवाला, धोबी, शाल
कम्बल बेचने वाले कशमीरीयों, मोचीयों
आदि सबको बुलाया जाता है । और उनसे
हिंदू इलाकों में घूम घूम कर ये पता लगाने को
कहा जाता है कि किस घर में कितनी
लड़कियाँ हैं ? तो ये कबाड़वाले, कंबल वाले,
बर्तनवाले समान बेचने की आढ़ में घरों में घुसते
हैं और घरों की रेकी करके पता लगाते हैं कि
कितना समान घर में चोरी करने के लायक
है ? कितनी हिंदू जवान लड़कियाँ उस घर में
हैं ? ये पता लगाने के बाद मस्जिदों में
लड़कियों की लिस्टें बनाई जाती हैं उनके
ईलाकों के हिसाब से । और फिर पहले से
तैयार रखे हुए नौजवान दिखने में थोड़े सुंदर
हट्टे कट्टे नौजवानों को पैसा और
मोटरसाईकल देकर उन ईलाकों में घूमने को
बोला जाता है और लड़कियों को फँसाने
के लिए कहा जाता है । जब किसी इलाके
कि कोई लड़की नहीं पटती तो उसे छोड़
दूसरी किसी लड़की को पटाने की
कोशिश में मुसलमान लड़का लग जाता है ।
ऐसा होने से कोई न कोई हिंदू लड़की
किसी न किसी से फँस ही जाती है ।
उदाहरण के तौर पर मेरठ और बरेली जैसे शहरों
में हर महीनें 25-30 हिंदू लड़कियाँ भाग रही
हैं ।
• लड़कियों के स्कूलों के आगे पंचर लगाने
वाले, सब्जी या फल बेचने वाले, चाय वाले
मुसलमान कड़ी नज़र रखते हैं । और अपनी पास
की मस्जिदों में बताते हैं जिससे कि तैयार
हुए मुसलमान लड़के छुट्टी के समय
मोटरसाईकल लेकर हाथ में कलावा बांधकर
माथे पर टीका लगाकर हिंदू लड़कीयों के
आसपास मंडराते हैं और किसी न किसी
को फँसा लेते हैं ।
• देखा गया है कि बड़े बड़े सेठों की दुकानों
पर या उनके घर में काम करने वाले मुसलमान
ही होते हैं । और उन ऊँचे घरों की लड़कियों
के तो अधिकतर दिमाग खराब ही होते हैं
। जिनका लाभ उठाकर मुसलमान नौकर
उनको पटा लेते हैं और अपने अन्य मित्रों की
सहायता से उसे भगा लेते हैं । ( ऐसा ही हुआ
मुरादाबाद के एक सुनार की बेटी के साथ
जो कि अपने यहाँ काम करने वाले मुसलमान
लड़के के साथ 35 लाख रुपया लेकर भाग गई )
• बुटीक या बियूटी पारलर जिनमें मुस्लिम
महिलाएँ काम करती हैं । वे वहाँ पर आने
जाने वाली सुंदर हिंदू महिलाओं और
लड़कियों को बहला फुसलाकर अपने
मुसलमान साथी लड़कों से सैटिंग करवाती
हैं । उनके नंबर और घर के पते मुसलमान लड़कों
को बताती हैं । जिससे कि बहुत सारी
लड़कियाँ और महिलाएँ फँसती हैं ।
• मोबाईल ठीक करने और रिचार्ज कराने
की दुकानों पर जहाँ पर मुसलमान युवक काम
करते हैं । वे रिचार्ज करवाने आई हिंदू
लड़कियों के नंबर अपने जिहादी दोस्तों
को बाँटते हैं । और उन नंबरों के द्वारा भी
मुसलमान लड़के ट्रेनिंग के हिसाब से काम
करते हैं और कई हिंदू लड़कीयों को पटा लेते हैं

• कपड़े सिलने वाले जितने दर्जी होते हैं
अधिकतर मुसलमान होते हैं । जिनकी
दुकानों पर जो हिंदू महिलाएँ जाती हैं ।
उनके नाम और पते की लिस्ट ये लोग अन्य
साथियों को मुहईया करवाते हैं । जिसका
लाभ लेकर दुकान से ही लड़के उन महिलाओं
और लड़कियों का पीछा करना शुरू कर देते
हैं ।
• देखा गया है कि मुस्लिम लड़के उन हिंदू
लड़कों से विशेष दोस्ती करते हैं जिनकी
बहनें जवान और सुंदर हों । या जिनके घर में
लड़कियाँ हों । तो ऐसे सैकुलर दोस्तों के
घर में ये मुसलमान दोस्त आना जाना शुरू कर
देते हैं । उनकी बहनों या भाभियों पर डोरे
डालना शुरू कर देते हैं । और ऐसे ही कितनी
ही हिंदू परिवार की लड़कियाँ खराब
की जाती हैं या भगा ली जाती हैं ।
• जिस किसी आफिस में मुसलमान बास
होगा वह सबसे पहले जाते ही हिंदू
कर्मचारी लड़कियों को छांटकर अलग कर
लेता है । और अपने पद का प्रयोग करके
उनको अपने फाँसे में लेने की कोशिश करता
रहता है । या फिर अपने आफिस में काम
करने वाले मुस्लिम कर्मचारियों के साथ
विशेष बैठक करके उनसे सैटिंग करने को
बोलता है ।
• अधिकतर संस्थाओं में आपने देखा होगा
कि मुस्लिम लड़कियाँ बहुत कम नौकरी
करती हैं । क्योंकि वे नगीं चाहते कि
मुसलमान लड़कियाँ आज़ाद होकर हिंदू
लड़कों से प्रेम करें । लेकिन मुसलमान लड़कों
को ही नौकरीयाँ करवाई जाती हैं ।
तांकी वहाँ पर काम करने वाली हिंदू
लड़कियों से मज़े करें और उनको पटाकर
शादियाँ करें । अधिकतर Jim Training
Centres में मुस्लिम कोच जान बूझकर रखे
जाते हैं । तांकि Jim करने वाली हिंदू
लड़कियों पर हाथ साफ किया जा सके ।
तो ऐसे छोटे मोटे अनेकों तरीकों से लव
जिहाद फैलाया जा रहा है और हिंदू
लड़कियों को खराब करके हिंदूओं को
समाप्त करके भारत को इस्लामी देश बनान
की जी तोड़ कोशिशें हो रही हैं ।
जागृति हेतु इस लेख को खूब शेयर करें ।