Tuesday, 25 August 2015

जन्मदिनम

सुदिनं सुदिनं जन्मदिनम तव । भवतु
मंगलं जन्मदिनम ॥ चिरंजीव कुरु
पुण्यवर्धनम । चिरंजीव कुरु
किर्तीवर्धनम ॥ विजयी भव
सर्वत्र सर्वदा । जगती भवतु तव
सुयशोगानम ॥ सुदिनं सुदिनं जन्मदिनम तव । भवतु मंगलं
जन्मदिनम ॥

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पंचांग

पंचांग में पांच अंग होते हैं। ये हैं-तिथि, वार, नक्षत्र, योग एवं
करण। एक मास में 30 तिथियां होती हैं कृष्णपक्ष में
प्रतिपदा से अमावस्या (१५ तिथि) तथा शुक्ल पक्ष की
प्रतिपदा से पूर्णिमा तक (15 तिथि)। वार 7होते हैं, 60
घटी (24 घंटे) का एक वार होता है।
रविवार से लेकर शनिवार तक 7 वार होते हैं। इनमें सोमवार, बुधवार,
गुरुवार, शुक्रवार को शुभ तथा रविवार, मंगल, शनिवार को क्रूर वार
की संज्ञा दी गई है। सोमवार को चंद्र,
मंगल को भौम, गुरु को बृहस्पति/वीर, शुक्रवार को भृगु
एवं शनिवार को मंदवासरे से भी जाना जाता है।
आकाश में तारामंडल के विभिन्न रूपों में दिखाई देने वाले आकार को
नक्षत्र कहते हैं। नक्षत्र 27 होते हैं। ज्योतिषियों द्वारा एक
अन्य अभिजित नक्षत्र भी माना जाता है। यह
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के अंतिम चरण (१५
घटी) एवं श्रवण नक्षत्र की प्रथम 4
घटी से मिलकर बनता है। पंचाग में उपरोक्त नक्षत्रों
का पूर्ण नाम नहीं लिखकर संकेत स्वरूप नाम का
प्रथम अक्षर जैसे अश्विनी के लिए ‘अ’,
भरणी के लिए ‘भ’, उत्तराषाढ़ के लिए ‘उ षा’ लिख दिया
जाता है। ठीक इसी प्रकार वार के लिए
भी प्रथम अक्षर जैसे गुरुवार के लिए गु- लिखा जाता
है।
सूर्य-चंद्र की विभिन्न स्थितियों को योग कहते हैं।
योग 27 होते हैं। एक तिथि में दो करण होते हैं एक पूर्वार्ध में
तथा एक उत्तरार्ध में। कुल 11 करण होते हैं- बव, बालव,
कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और
किस्तुघ्न। कृष्ण पक्ष की चतुदर्शी
(१४) के उत्तरार्ध में शकुनि,अमावस्या के पूर्वार्ध में चतुष्पाद,
अमावस्या के उत्तरार्ध में नाग और शुक्ल पक्ष की
प्रतिपदा के पूर्वार्ध में किस्तुध्न करण होता है। विष्टि करण को
भद्रा कहते हैं तथा भद्रा में शुभ कार्य वर्जित हैं।
नक्षत्र, योग एवं करण के सम्मुख पंचांग में घटी पल
(२४/१२) दर्शाते हैं अर्थात उस दिन वह नक्षत्र/योग/करण
सूर्योदय (सूर्य के उदय होने का समय) के पश्चात 24
घटी एवं 12 पल तक रहेगा जबकि पंचांग में चंद्र के
सम्मुख लिखे हुए घटी पल उस राशि में प्रवेश का
समय होता है, अर्थात २४ घटी 12 पल पर चंद्रमा
इस राशि में प्रवेश करेगा।

राहु दोषा के आसान उपाय

वैसे तो कुंडली मैं कई दोष हो सकते हैं। इन सभ मैं
राहु दोष एक बड़ा दोष होता हैं । राहु दोषा के आसान उपाय एवं
कारन
राहु दोष के कारन, नींद मैं कमी या न आना,
इलेक्ट्रॉनिक सामान ख़राब होते रहना, घर मैं चीटियों का
रेंगना, अनिंद्रा, एकवेरियम मैं मछलियों का मारना, बरकत का न होना,
बचत न होना, घर मैं कलेश, परिवार के सदसयो मैं अनबन होना, घर
मैं उदासीन वातावरण, खुशियों की
कमी
कार्य धीमी गति से होने, बहुत देर से
कार्य होने या फिर न होने, नौकरी और व्यापार मैं
परेशानी और तरकी ना होना या बहुत
संगर्ष के बाद फल का मिलना, नौकरी मैं
स्टैबलिटी ना होना, घुटनो, कमर, फेफड़ों और पेट मैं
परेशानी हो सकती हैं
काले, ग्रे और गाड़े नीले वस्त्रो का प्रयोग
नहीं करना चाहिये। सफ़ेद, क्रीम,
पीले आदि रंगों के कपड़ों का प्रयोग ज्यादा करना चाहिये ।
तम्बाकू और शराब आदि मादक द्रवयो का प्रयोग नहीं
करना चाहिये, अपशब्द नहीं बोलने चाहिये ।
जल्दी जल्दी नहीं भोजन
खाना चाहिये आराम से चबा चबा कर खाना चाहिये ।
रविवार को ज्यों दान करने चाहिये, मछलियों को जीवन दान
देना चाहिये, उनको कुछ कहानी को दीजिये,
बन्दर को केले और चना दैन्य चाहिए, कुष्ठ रोगियों की
मदद करनी चाहिये, अगर सफलता नहीं
मिलती हैं, बेकार इलेक्ट्रॉनिक सामान को घर पर
नहीं रखना चाहिये । सिल्वर को धारण करे। घर मैं
ससफाई का विशेष धयान रखे।
ध्यान करना चाहिये, हनुमान जी की पूजा
और प्रार्थना करना चाहिये, झूठ नहीं बोलें चाहिये

अजमेर शरीफ के दरगाह की सच्चाई:-

अजमेर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर इतनी भीड़ थी कि वहाँ की कोई बैंच खाली नहीं थी। एक बैंच पर एक परिवार, जो पहनावे से हिन्दू लग रहा था, के साथ बुर्के में एक अधेड़ सुसभ्य महिला बैठी थी।
बहुत देर चुपचाप बैठने के बाद बुर्खे में भेठी महिला ने बगल में बैठे युवक से पूछा, "अजमेर के रहनेवाले हैँ या फिर यहाँ घूमने आये हैं?"
युवक ने बताया, "जी अपने माता पिता के साथ पुष्कर में ब्रह्मा जी के मंदिर के दर्शन करने आया था।"
महिला ने बुरा मुँह बनाते हुए फिर पूछा,"आप लोग अजमेर शरीफ की दरगाह पर नहीं गये?"
युवक ने उस महिला से प्रतिउत्तर कर दिया, "क्या आप ब्रह्मा जी के मंदिर गयी थीं?"
महिला अपने मुँह को और बुरा बनाते हुये बोली, "लाहौल विला कुव्वत। इस्लाम में बुतपरस्ती हराम है और आप पूछ रहे हैं कि ब्रह्मा के मंदिर में गयी थी।"
युवक झल्लाकर बोला, "जब आप ब्रह्मा जी के मंदिर में जाना हराम मानती हैं तो हम क्यों अजमेर शरीफ की दरगाह पर जाकर अपना माथा फोड़ें।"
महिला युवक की माँ से शिकायती लहजे में बोली, "देखिये बहन जी। आपका लड़का तो बड़ा बदतमीज है। ऐसी मजहबी कट्टरता की वजह से ही तो हमारी कौमी एकता में फूट पड़ती है।"
युवक की माँ मुस्काते हुये बोली, "ठीक कहा बहन जी। कौमी एकता का ठेका तो हम हिन्दुओं ने ही ले रखा है।
अगर हर हिँदू माँ-बाप अपने बच्चों को बताए कि अजमेर दरगाह वाले ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ने किस तरह इस्लाम कबूल ना करने पर पृथ्वीराज चौहान की पत्नी संयोगिता को मुस्लिम सैनिकों के बीच बलात्कार करने के लिए निर्वस्त्र करके फेँक दिया था और फिर किस तरह पृथ्वीराज चौहान की वीर पुत्रियों ने आत्मघाती बनकर मोइनुद्दीन चिश्ती को 72 हूरों के पास भेजा था तो शायद ही कोई हिँदू उस मुल्ले की कब्र पर माथा पटकने जाए। पृथ्वीराज चौहान गोरी को १७ बार युद्ध में हराने के बाद भी उसे छोड़ देता है जबकि एक बार उस से हारने पर चौहान के आँख फोड़ के बेरहमी से मार कर उसके शव को घसीटते हुए अफ़ग़ानिस्तान ले गया और दफ़्न किया। आज भी चौहान के क़ब्र पर जो भी मुसलमान वहॉ जाता है प्रचलन के अनुसार उनके क़ब्र को वहॉ पे रखे जूते से मारता है। ऐसी बर्बरता कहीं नहीं देखी होगी। फिरभी हम हैं कि ......,
"अजमेर के ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती को ९० लाख हिंदुओं को इस्लाम में लाने का गौरव प्राप्त है. मोइनुद्दीन चिश्ती ने ही मोहम्मद गोरी को भारत लूटने के लिए उकसाया और आमंत्रित किया था...
(सन्दर्भ - उर्दू अखबार
"पाक एक्सप्रेस, न्यूयार्क १४ मई २०१२).
अधिकांश हिन्दू तो शेयर/कॉपी-पेस्ट भी नहीं करेंगे,,दुख है ऐसे हिन्दुओ पर
🚩🔥जय श्री राम🔥🚩

Saturday, 15 August 2015

lal Kile se Dahadta Sher


Health Tips


Ram Setu A Construction Engineering Wonder - Rajiv Dixit


Rajiv Dixit on Reason behind Increasing Rapes in India


Media Promotes Nudity.Exposed By Rajiv Dixit


Hema Malini Beauty Secrets Exposed By Rajiv Dixit


Mastak Nahi Jhukega : Shri Atal Bihari Vajpayee


Historic Speech of Smt. Sushma Swaraj in Lok Sabha: 11.06.1996


Nehru Could Do Anything Just To Get A Girl Exposed By Rajiv Dixit


Super Hit Bhojpuri Birha - Hindustan Pakistan Yudh 1965 - Ramdev Yadav 2014 HD

Salute to veer Abdul Hamid

Kashmir To Hoga Par Pakistan Nahi Hoga

sindhu Nadi ar par pura bharat ho jayega

BHOJPURI BIRHA | VEER RAS | SUDAI YADAV

Nice birha

a heart touching song for mother

Maa Bharati ke Charano me koti koti naman

Mayi re mayi tor manva ganga ke paniya ho ram


Koti Koti Naman to Maa bharti

Salute to all mothers , who is god for us

https://www.facebook.com/1390373506/videos/vb.1390373506/10203099405911282/?type=2&theater

महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक तथ्य
1.महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोड़े समेत दुश्मन
सैनिक को काट डालते थे।
2.जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे तब
न्होने अपनी माँ से
पूछा कि हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर अाए| तब
माँ का जवाब मिला ” उस
महान देश की वीर भूमि हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल
लेकर
आना जहाँ का राजा अपनी प्रजा के
प्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे
हिंदुस्तान के बदले अपनी मातृभूमि को चुना ”
बदकिस्मती से उनका वो दौरा रद्द
हो गया था | “बुक ऑफ़ प्रेसिडेंट यु एस ए ‘ किताब में
आप ये बात पढ़ सकते है |
3.महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80
किलो था और कवच का वजन 80
किलो कवच , भाला, ढाल, और हाथ में तलवार
का वजन मिलाये तो 207 किलो
4.आज भी महाराणा प्रताप की तलवार कवच
आदि सामान उदयपुर राज घराने के
संग्रहालय में सुरक्षित हैं |
5.अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने
झुकते है तो आधा हिंदुस्तान
के वारिस वो होंगे पर बादशाहत अकबर
की ही रहेगी |
6.हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे
और अकबर की ओर से
85000 सैनिक युद्ध में सम्मिलित हुए |
7.राणाप्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर
भी बना जो आज हल्दी घाटी में सुरक्षित
है |
8.महाराणा ने जब महलो का त्याग किया तब उनके
साथ लुहार जाति के
हजारो लोगो ने भी घर छोड़ा और दिन रात
राणा कि फौज के लिए तलवारे
बनायीं इसी समाज को आज गुजरात मध्यप्रदेश और
राजस्थान में गड़लिया लोहार
कहा जाता है नमन है ऐसे लोगो को |
9.हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद
भी वहाँ जमीनों में तलवारें पायी गयी।
आखिरी बार तलवारों का जखीरा 1985 में
हल्दी घाटी में मिला |
10.महाराणा प्रताप अस्त्र शस्त्र की शिक्षा जैमल
मेड़तिया ने
दी थी जो 8000 राजपूतो को लेकर 60000 से लड़े थे।
उस युद्ध में 48000 मारे गए
थे जिनमे 8000 राजपूत और 40000 मुग़ल थे |
11.राणा प्रताप के देहांत पर अकबर भी रो पड़ा था |
12.मेवाड़ के आदिवासी भील समाज ने
हल्दी घाटी में अकबर की फौज को अपने
तीरो से रौंद डाला था वो राणाप्रताप
को अपना बेटा मानते थे और
राणा जी बिना भेद भाव के उन के साथ रहते थे आज
भी मेवाड़ के राजचिन्ह पर एक
तरफ राजपूत है तो दूसरी तरफ भील |
13.राणा का घोडा चेतक महाराणा को 26 फीट
का दरिया पार करने के बाद
वीर गति को प्राप्त हुआ | उसकी एक टांग टूटने के
बाद भी वह दरिया पार कर
गया। जहा वो घायल हुआ वहीं आज
खोड़ी इमली नाम का पेड़ है
जहाँ मरा वहाँ मंदिर है |
14.राणा का घोडा चेतक भी बहुत ताकतवर था उसके
मुँह के आगे हाथी की सूंड
लगाई जाती थी यह हेतक और चेतक नाम के दो घोड़े थे |
15.मरने से पहले महाराणा ने खोया हुआ 85 % मेवाड
फिर से जीत
लिया था *सोने चांदी और महलो को छोड़ वो 20
साल मेवाड़ के जंगलो में घूमे |
16.महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और
लम्बाई 7’5” थी, दो म्यान
वाली तलवार और 80 किलो का भाला रखते थे हाथ
में |
17.मेवाड़ राजघराने के वारिस को एकलिंग
जी भगवान का दीवान
माना जाता है |
18 . छत्रपति शिवाजी भी मूल रूप से मेवाड़ से
ताल्लुक रखते थे वीर शिवाजी के
परदादा उदयपुर महाराणा के छोटे भाई थे |
19.अकबर को अफगान के शेख रहमुर खान ने
कहा था अगर तुम राणा प्रताप और
जयमल मेड़तिया को अपने साथ मिला लो तो तुम्हे
विश्व विजेता बनने से कोई
नहीं रोक सकता पर इन दोनों वीरो ने जीते
जी कभी हार नहीं मानी |
20.नेपाल का राज परिवार भी चित्तौड़ से
निकला है दोनों में भाई और खून
का रिश्ता है |
21.मेवाड़ राजघराना आज भी दुनिया का सबसे
प्राचीन राजघराना है।

कशमीर के दर्द की कहानी ek Kavi ke Jubani |